रायपुर सोनौरी। मामला रीवा जिले के त्यौंथर तहसील क्षेत्र के चौरा नानकार सोनौरी ग्राम का है। जहाँ अभी हाल ही में दो फर्जी डाक्टरों द्वारा एक 10 वर्ष के मासूम शाजिद का लापरवाही से इलाज किया गया जिसके चलते मासूम कि मृत्यु हो गई। हालाँकि हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा हर फर्जी क्लीनिक और झोलाछाप डाक्टरों को चिन्हित कर कार्यवाही करने का आदेश पारित किया गया था लेकिन आदेश कि जमीनी हकीकत आपके सामने है। मामले की संजीदगी देखते हुए कलेक्टर रीवा ने भी जांच के आदेश दे ही दिए हैं। आनन फानन में बीएमओ त्यौंथर भी मृतक परिवार से मिले और कार्यवाही का आश्वासन दिया है। वही दूसरी तरफ पीड़ित परिवार पर दोनों झोलाछाप लापरवाह डाक्टर जय साहू और वी के गुप्ता द्वारा समझौते के लिए लगातार दबाव डाला जा रह है। यह जानकारी खुद पीड़ित परिवार द्वारा दी गई है। सूत्रों की माने तो कई क्षेत्रीय लोगों द्वारा भी समझौता करवाने का प्रयास किया जा रहा है। जब मृतक के पिता नहीं माने तो उन्हे रुपए का लालच भी देना का भरसक प्रयास किया गया। सूत्रों की माने तो पांच लाख की रकम डाक्टरों द्वारा आफर की गई, पीड़ित फिर भी नहीं माना तो अब धमकी दी जाने लगी है। मृतक के पिता ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि तथाकथित डाक्टर जय साहू द्वारा मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने को धमकी दी जा रही है जबकि तथाकथित डाक्टर वी के गुप्ता के पुत्र अंकित गुप्ता जो की खुद को भी डाक्टर बताता है, उसने भी मुझे देख लेने की धमकी दी है। आगे पीड़ित ने बताया कि की डाक्टर जय साहू द्वारा स्पष्ट शब्दों में कहा गया की ज्यादा से ज्यादा मुझे 2 से 3 महीने की जेल होगी, फिर पचीस पचास हजार खर्च कर हम तो बच ही जाएंगे फिर तुम्हारे और तुम्हारे लोगों के साथ जो होगा उसके जिम्मेवार सिर्फ और सिर्फ तुम होगे, समझौता कर लो नहीं तो अभी तो एक बेटा ही गया है दूसरा खोने के लिए भी तैयार रहना।
मामले में अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। उसके बाद ही साफ हो पाएगा की दोषी कौन है लेकिन डाक्टरों द्वारा पीड़ित को इस प्रकार से धमकाना साबित करता है कि मामले में ये खुद को दोषी मानते और जानते हैं। पीड़ित मकबूल अहमद ने पुलिस प्रशासन और जिला कलेक्टर महोदया से निवेदन करते हुए कहा है कि की यदि मेरे साथ उचित न्याय नहीं हुआ, इन डाक्टरों को सजा नहीं मिली, इनके घर बुलडोजर नहीं चला तो मैं सपरिवार आत्महत्या करने को विवश हूं और इसकी पूर्ण जिम्मेवारी शासन और प्रशासन की होगी।
एक नज़र
सूत्रों कि माने तो त्योंथर तहसील क्षेत्र के पूर्वांचल में बसे गांवों में ऐसे सैकड़ों कि तादाद में तथाकथित डॉक्टर व क्लिनिक अपना व्यवसाय फैलाये हुए हैं। ज्यादातर ग्रामीण कम पढ़े – लिखे और कम जागरूक होते हैं जिसकी वजह से ऐसे अवैध तथाकथित डॉक्टरों के चंगुल में फंस कर धन के साथ – साथ कई बार जान भी गवां बैठते हैं। जिला रीवा मुख्यालय से तक़रीबन सौ किलोमीटर से ज्यादा कि दूरी में बसे त्योंथर तहसील क्षेत्र के पूर्वांचल के कई गांव अभी तक मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाए हैं। ऐसे में महज एक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर मोड़ के भरोसे लाखों लोगों को निर्भर रहना पड़ता है। (रिपोर्ट – ब्रहमानन्द त्रिपाठी)




