रीवा मध्य प्रदेश में बरसात के दिनों में आए दिन ग्रामीण अंचल में आवागमन बाधित होने की खबरें आती रहती है। गंगेव जनपद की सेदहा ग्राम पंचायत के ग्राम नेवरिया की बहुचर्चित सड़क का मामला है जिसमें स्वतंत्रता प्राप्ति से लेकर आज दिनांक तक ग्रामीणों के लिए आने जाने का रास्ता ही नहीं है। इस बात को लेकर पिछले कुछ वर्षों से नेवरिया के ग्रामवासियों ने आवाज उठाई है लेकिन भ्रष्ट शासन प्रशासन पर के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है जिसका नतीजा यह है की बरसात दर बरसात बच्चे बूढ़े महिलाएं बरसात के कीचड़ से तैर कर पार कर रहे हैं। बताया गया की पहले जमीन को लेकर के समस्या थी जहां निजी जमीन होने के कारण रास्ता बाधित था लेकिन अब तो जमीन भी सरकारी करवा दी गई है फिर भी जिला कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ द्वारा सड़क की स्वीकृत नहीं दी गई है जिसकी वजह से ग्रामीणों में आक्रोश है।
इस विषय पर जब जिला पंचायत सीईओ से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया की शासन स्तर से ही लगभग 35 सुदूर सड़कें रुकी हुई हैं जिसकी स्वीकृति न मिल पाने के कारण नए निर्माण कार्य नहीं हो रहे हैं लेकिन बड़ा सवाल यह है की फिर यह भाजपा सरकार किस विकास की बात कर रही है? यदि ग्रामीणों को 77 वर्ष स्वतंत्रता प्राप्त से आज तक आवागमन का रास्ता नहीं मिल पाया है तो इससे बढ़कर विडंबना और क्या हो सकती है? पिछले दिनों सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी द्वारा जब ग्रामीणों से संपर्क किया गया तो उन्होंने अपनी पूरी व्यथा बताई। बताते चलें की नेवरिया ग्राम से वर्तमान मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल का भी गहरा नाता है जहां उनके पिता का ननिहाल भी है। (शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक कार्यकर्त्ता)