पंचायती राज में लगातार भ्र्स्टाचार का आरोप, जमीनी हकीकत से भाग रहा विभाग

शास्त्री प्रसाद मिश्रा, त्यौंथर। पंचायती राज में कोई निर्माण कार्य हो और उसमें अनियमितता का आरोप न लगे क्या ऐसा हो सकता है। इतना ही नहीं कई पंचायतों में अतिरिक्त व्यय की वसूली भी जारी है जिसके सम्बन्ध में जिला पंचायत सीईओ के यहाँ पेशी भी लग रही। ऐसा ही एक आरोप जनपद पंचायत त्यौंथर अंतर्गत ग्राम पंचायत अमांव के सरपंच, पंचायत सचिव और संबंधित उप यंत्री पर लगा है। जिसमें बताया गया कि निर्धारित माप डंडों को दर किनार करते हुए घटिया सामग्री का इस्तेमाल करते हुए अमानक निर्माण किये गए हैं। जिसमें शंकर मिश्रा के घर के सामने पीसीसी रोड निर्माण हेतु स्वीकृति राशि रुपए एक लाख पांच हजार, शासकीय माध्यमिक शाला अमांव से पार्वती मिश्रा के घर तक स्वीकृति राशि रुपए तीन लाख तीन हज़ार (निजी भूमि स्वामी की भूमि का अधिग्रहण नहीं हुया है), राम प्रसाद मिश्रा के घर से जगदम्बा प्रसाद मिश्रा के घर तक पीसीसी रोड निर्माण स्वीकृति राशि रुपए तीन लाख चौवन हजार,नाला पुनर्जीवन धोबा नाला गुलाब बांध से लेकर नदी तक स्वीकृति राशि रुपए नौ लाख अठहत्तर हज़ार दो सौ छः लेकिन सिर्फ खानापूर्ति कि गई। यह जानकारी एक लाइव स्ट्रीम में स्पष्ट देखा जा सकता है। जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि नाला सिर्फ कुछ दूर तक ही साफ किया गया है। ऐसे ही नाला पुनर्जीवन छोटी बांध से लेकर धोबा नाला तक स्वीकृति राशि रुपए चार लाख बयासी हज़ार नौ सौ संतानवे, कंस्ट्रक्शन ऑफ हुम पाइप कल वर्ट प्रधान मंत्री सड़क बरा खुर्द रोड बगल में कैथा नाला अमांव स्वीकृति राशि रुपए एक लाख अरसठ हज़ार, पीसीसी रोड निर्माण राज कुमार मिश्रा के घर से आशीष मिश्रा के घर तक स्वीकृति राशि रुपए एक लाख पैंतालिस हज़ार, मेड बधान राधा देवी स्वीकृति राशि चौंतीस हज़ार नौ सौ संतावन, सार्वजनिक शौचालय ईजीएस शाला के पास टोंकी स्वीकृति राशि रुपए चार लाख, खेत तालाब निर्माण कालीचरण स्वीकृति राशि रुपए एक लाख दस हज़ार पान सौ सोलह के अलावा भी अन्य बहुत से निर्माण कार्य की ओट में शासकीय धन का खुलेआम दुरुपयोग किया गया है, जिसकी पुष्टि स्थल पर जिला स्तर पर कमेटी गठित कर जाँच के माध्यम से ही की जा सकती है। उचित तो यही लगता है कि शासकीय धन के दुरुपयोग किए जाने की खबर पर जिला प्रशासन को त्वरित कार्रवाई किए जाने पर विचार करना चाहिए। देखना यह होगा कि इस खबर की पुष्टि हेतु क्या कदम उठाए जाएंगे। वैसे भी जांच करा लेने में कोई हर्ज नहीं है। फ़िलहाल पाठकों कि जानकारी के लिए बता दूँ जनपद पंचायत त्यौंथर अंतर्गत आने वाली कई पंचायतों में फर्जी निर्माण कार्य दिखा कर शासकीय धन को निजी कार्य में इस्तेमाल कर लिया जाता है और फिर जाँच के नाम पर जनपद में बैठे अधिकारी महज खानापूर्ति कर मामले को ठन्डे बस्ते में डालने का प्रयास करते हैं।

पंचायती राज में लगातार भ्र्स्टाचार का आरोप, जमीनी हकीकत से भाग रहा विभाग वीडियो देखें

Facebook
Twitter
WhatsApp
Telegram
Email

Leave a Comment

ट्रेंडिंग खबर

ट्रेंडिंग खबर

today rashifal

हमसे जुड़ने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है... पोर्टल पर आपके द्वारा डाली गयी खबर/वीडियो की सभी जानकारी घटनास्थल और घटना का समय सही और तथ्यपूर्ण है तथा घटना की खबर आपके क्षेत्र की है।अगर खबर में कोई जानकारी/बात झूठी या प्रोपेगेंडा के तहत पाई जाती है तो इसके लिए आप ही ज़िम्मेदार रहेंगे।