चाकघाट। रीवा जिले के त्योंथर क्षेत्र में नशे की अवैध कारोबारी तेजी से पांव पसार रहे हैं। उत्तर प्रदेश की ओर से मध्य प्रदेश के भीतर आने वाले नशे के कारोबारी को अब चाकघाट पुलिस से कोई भय नहीं रह गया है। सूत्रों की माने तो उन्हें संरक्षण मिल रहा है। जिसके कारण इस अंचल में नशे के कारोबारी प्रदेश की सीमा में घुसकर नशे का कारोबार धड़ल्ले से कर रहे हैं। गत दिवस पुलिस अधीक्षक महोदय रीवा के निर्देश पर जब नशीली सिरप की खेप पकड़ने का अभियान चला तो सोहागी थाना की पुलिस ने नशीले कफ सिरप की 240 सीसी बरामद की जिसकी कीमत ₹40हजार बताई गई। पकड़े गए आरोपों की पहचान दिलीप आदिवासी पिता जगदीश आदिवासी निवासी घूमा थाना गढ़ के रुप में हुआ।किंतु आश्चर्य है कि जब प्रयागराज से सोहागी,गढ़ , कटरा की तरफ अवैध नशीली कफ सिरप जा रही थी तो चाकघाट की पुलिस ने क्या कर रही थी। इस समय चाकघाट की पुलिस से नशे के कारोबारी को कोई भय नहीं है। यदि नशे के कारोबारी को पुलिस का संरक्षण न होता तो ये आरोपी चाकघाट में ही पकड़ लिए जाते। किंतु यहां ऐसा नहीं हो रहा है। यहां पर अब टी आई के स्थान पर उप निरीक्षक को थाना प्रभारी बनाकर अपराधियों के हौसले को बुलंद करने का काम किया जा रहा है। गत दिवस चाकघाट थाने से चोरी का आरोपी जिसे पुलिस ने हथकड़ी लगाकर थाने में बंद रखा था वह हथकड़ी छुड़ाकर भाग गया। इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक महोदय एवं क्षेत्रीय अधिकारी को भी हुई किंतु वे भागे हुए अपराधी को पकड़ने में ही अपनी सफलता मानने लगे। किंतु थाने के लापरवाह कर्मचारियों के विरुद्ध जिला पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। नशीली कफ सिरप की खेप उत्तर प्रदेश से रीवा की ओर जाती है जिसमें चाकघाट पुलिस की निष्क्रियता बताती है की य तो यहां के पुलिस निष्क्रिय है या अपराधियों से उनके साठ गांठ है जिसके कारण नशे के कारोबारी चाकघाट से बेखौफ होकर म.प्र. क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं। जनेह थाना पुलिस ने भी नशीली कफ सिरप पकड़ी जो की शंकरगढ़ बॉर्डर पर स्थित है, किंतु चाकघाट पुलिस ने नशे के कारोबारी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। चाकघाट से होकर गुजरे अपराधियों को सोहागी की पुलिस ने घेराबंदी करके पकड़ा। चाकघाट में अपराध को रोकने की दिशा में कठोर कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। चाकघाट में टीआई स्तर के थाना प्रभारी की नियुक्ति होनी चाहिए जो वर्तमान में नहीं हो रहा है। अब यहां अवैध रूप से गांजा शराब बियर एवं स्मेक की भी खुलेआम बिक्री हो रही है जिस पर नियंत्रण लगाया जाना जरूरी है। (रामलखन गुप्त)
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