सौरभ मिश्रा, रीवा। मामला रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियाँन जनपद के सुरसा खुर्द पंचायत का है- जहां राशन वितरण में गड़बड़ी, निर्धारित दर से अधिक पैसे वसूली और तनाशाह रवैये से परेशान होकर ग्रामीणों ने ग्रामसभा में कोटेदार अशोक तिवारी के खिलाफ एसडीएम रायपुर कर्चुलियाँन को ज्ञापन सौंपा था। इसके बावजूद भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। आलम यह है कि कोटेदार साफ लफ्जो में सबके सामने कहता है कि जिसकी जो मर्जी हो जहां शिकायत करनी हो कर लो। वही गांव वालों का कहना है यह सब हम लोग कई सालों से देख रहे हैं, उसके ऊपर कोई जांच नही होगी और न ही कोई कार्यवाही। क्योंकि हमें पता है कि भ्रष्टाचारी कोटेदार अशोक तिवारी अधिकारियों को पैसा खिलाकर फिर से अपने मामले पर लीपापोती करवा लेगा। ग्रामीणों कि यह बात कहीं न कहीं सच साबित होती नजर आ रही हैं, क्योंकी अक्टूबर माह में इसकी जानकारी सभी आधिकारियों तक भेजी जा चुकी थी लेकिन अभी तक भ्रष्टाचारी कोटेदार के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हुई जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है।
मौन बैठे जिम्मेदार आधिकारियों से सवाल यह कि:- क्या वजह है भ्रष्टाचारी कोटेदार पर अभी तक कार्यवाही नहीं कि गई?
अगर ऐसे भ्रष्ट कोटेदार गरीब जनता के राशन पर डाका डालते रहेंगे, तो सरकार के द्वारा जनता के लिए चलाई जा रही जनकल्याण योजनाओं का लाभ जनता को कैसे मिल पायेगा? सारे सबूत होने के बावजूद भी खाद्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कोटेदार को बचाने में क्यों लगे हुए हैं? क्या ग्रामीणों को न्याय मिलेगा? वही जब एसडीएम रायपुर कर्चुलियाँन पी.एस. त्रिपाठी और फूड इंस्पेक्टर से सौरभ मिश्रा ने बात कर और कार्यवाही की जानकारी पूछी तब एसडीएम पी.एस. त्रिपाठी ने कहा कि कोटेदार अशोक तिवारी का मामला हमारे संज्ञान में है और जांच के लिए फूड इंस्पेक्टर अनमोल जैन को भेज दिया गया है। रायपुर कर्चुलियाँन के एसडीएम पी.एस. त्रिपाठी और फूड इंस्पेक्टर अनमोल जैन फिर आश्वासन दे रहे हैं कि जांच कि जायेगी लेकिन कब यह उन्हें खुद पता नही। जिससे यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है, कि उसे कहीं न कहीं वरिष्ट अधिकारियों का सरंक्षण प्राप्त है, जिसके कारण उसके हौसले इतने बुलंद हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ऐसे भ्रष्ट कोटेदारों को आखिर कब तक संरक्षण देते हैं, और सरकार के मंसूबों पर पानी फेरने का काम करते हैं।