शासन द्वारा माँस और मछली के खुले में बिक्री न करने तथा लाउड स्पीकरों का निर्धारित डेसीबल से अधिक आवाज में उपयोग न करने के संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। इसका परिपालन कराने के लिए राजस्व, पुलिस और नगरीय निकाय के अधिकारियों द्वारा लगातार कार्यवाही की जा रही है। जिले के सभी अनुभागों में एसडीएम तथा एसडीओपी ने संबंधितों के साथ बैठकें आयोजित कर शासन के निर्देशों से अवगत कराया। इस संबंध में एडीएम शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि त्योंथर में एसडीएम पीके पाण्डेय तथा एसडीओपी उदित मिश्रा ने डीजे संचालकों, टेंट हाउस तथा बारातघर संचालकों एवं लाउड स्पीकर वालों के साथ बैठक आयोजित की। उन्हें शासन द्वारा निर्धारित ध्वनि सीमा की जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि औद्योगिक क्षेत्रों में दिन में 75 डेसीबल तथा रात में 17 डेसीबल, बाजारों में दिन में 65 डेसीबल तथा रात में 55 डेसीबल, रिहायशी क्षेत्रों में दिन में 55 डेसीबल तथा रात में 45 डेसीबल एवं अस्पताल, शिक्षण संस्थान तथा अन्य घोषित शांत क्षेत्रों में दिन में 50 डेसीबल एवं रात में 40 डेसीबल से अधिक का शोर मान्य नहीं होगा। इससे अधिक आवाज पाए जाने पर दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। ध्वनि प्रदूषण की जाँच करने के लिए प्रत्येक अनुभाग में समितियाँ गठित कर दी गई हैं। इनके द्वारा लगातार कार्यवाही की जाएगी।
एडीएम ने बताया कि लाउड स्पीकर तथा डीजे का संचालन करने वाले व्यक्ति शासन द्वारा निर्धारित ध्वनि की अधिकतम सीमा का पालन करते हुए इनका उपयोग करें। निर्धारित सीमा से अधिक डेसीबल का शोर पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। गुढ़ थाने में एसडीएम संजय जैन की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। इसमें शामिल धर्म गुरूओं, डीजे संचालकों तथा माँस-मछली विक्रेताओं को शासन के आदेशों से अवगत कराया गया। सभी से ध्वनि विस्तार यंत्रों तथा माँस-मछली की खुले में बिक्री न करने संबंधी आदेशों का पालन करने की समझाइश दी गई। नगर पंचायत मनगवां में एसडीएम पीएस त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में भी स्थानीय धर्म गुरूओं, डीजे संचालकों तथा बारात घर संचालकों एवं माँस-मछली विक्रेताओं को शासन के नियमों की जानकारी दी गई।