सहकारी समिति कर्जदार किसानों का नाम दीवारों में लिखकर उन्हें अपमानित कर रही है

चाकघाट। केंद्र से लेकर प्रदेश तक की सरकार किसानों का सम्मान एवं सहयोग करने के लिए आगे आ रही है। संकट के समय में किसानों के साथ खड़े रहकर सरकार उनकी मदद भी करना चाहती है। किन्तु जहां एक ओर मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार सहकारी बैंक में किसानों के कर्ज का ब्याज माफ करके उन्हें संबल प्रदान करने का काम किया है। वहीं दूसरी ओर यहां की सेवा सहकारी समितियों ने अपने ऋणी किसानों को अपमानित करने का जो तरीका अपनाया है। वह अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक है। त्योंथर विधान सभा क्षेत्र सहित विभिन्न अंचलों में सेवा सहकारी समिति के माध्यम से जिन किसानों ने खाद बीज के लिए कर्ज लिया था । वह प्राकृतिक आपदा के चलते समय पर जमा नहीं हो पाया तो कर्जदार किसानों का नाम बिना किसी पूर्व सूचना के दीवारों में लिखकर उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया गया है। चाकघाट सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक सत्यप्रकाश सिंह (ननकऊ) से जब इस संदर्भ में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि शाखा प्रबंधक जिला सहकारी बैंक के निर्देश पर ऋणी किसानों का नाम दीवाल में लिखवाया है। जब जिला सहकारी बैंक चाकघाट के प्रबंधक से पूछा गया तब उन्होंने कहा हमको भी ऊपर से आदेश मिला था किंतु वे आदेश की प्रति दिखाने में असमर्थ ही रहे। ग्रामीण अंचलों में किसानों को खाद बीज एवं कृषि कार्य के लिए छोटी-छोटी राशि सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से ऋण रूप में दिया जाता है और सरकार भी ऐसे किसानों को ब्याज मुक्त ऋण देने की बात करती है। बीते समय में कांग्रेस के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों को कर्ज माफ करने का झांसा देकर उन्हें भ्रमित कर दिया था तथा प्राकृतिक आपदा का भी किसानों को शिकार होना पड़ा था और ऐसी स्थिति मेंउनका कर्ज समय पर अदा नहीं हो पाया, जिसके कारण सहकारी समिति ने किसानों को अपमानित करने का घृणित काम किया है। जिससे किसानों की भावना आहत हुई है। अब शिवराज सिंह की सरकार ने व्याज माफ कर दियाहै। पैसा देर से ही सही लेकिन किसानों के द्वारा जमा किया जाता है लेकिन उनकी गौरव गरिमा को धूमिल करने के लिए सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से यहां तक कि दो तीन हजार रुपए कर्ज लेने वाले लोगों का भी नाम दीवारों में लिखा गया है। मध्य प्रदेश सरकार एवं सेवा सहकारी समिति के वरिष्ठ अधिकारियों से आग्रह है किसानों को ऋण देकर संकट के समय उनका साथ देने के बजाय छोटी-छोटी राशि के लिए उन्हें अपमानित करने का काम बंद किया जाए और पूर्व में जिन लोगों के नाम दीवारों में लिखे गए हैं पैसा प्राप्त होने के बाद समिति प्रबंधक एवं जिम्मेदार लोग उन किसानों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। किसानों को अपमानित करके देश और समाज को सम्मानित करने का ढोंग बंद होना चाहिए। (रामलखन गुप्त)

Facebook
Twitter
WhatsApp
Telegram
Email

Leave a Comment

ट्रेंडिंग खबर

ट्रेंडिंग खबर

today rashifal

हमसे जुड़ने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है... पोर्टल पर आपके द्वारा डाली गयी खबर/वीडियो की सभी जानकारी घटनास्थल और घटना का समय सही और तथ्यपूर्ण है तथा घटना की खबर आपके क्षेत्र की है।अगर खबर में कोई जानकारी/बात झूठी या प्रोपेगेंडा के तहत पाई जाती है तो इसके लिए आप ही ज़िम्मेदार रहेंगे।