रीवा मध्य प्रदेश के जनपद गंगेव में हुए लगभग 13 करोड के व्यापक कराधान महा घोटाले के मुख्य आरोपी मास्टरमाइंड निलंबित लिपिक राजेश सोनी की गिरफ्तारी के साथ गंभीर प्रश्न खड़े होने लगे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार राजेश सोनी को शुक्रवार दिनांक 20 जनवरी 2023 को जिला न्यायालय में पेश किया जाना है लेकिन इस बीच पूरे कराधान घोटाले को मध्य प्रदेश की 1148 पंचायतों ने उजागर करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी और पूर्व जनपद उपाध्यक्ष संजय पांडेय ने कई गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं।
कराधान घोटाले के गंभीर आरोपी को पुलिस रिमांड आवश्यक
गौरतलब है कि मामले पर जांच होने के बाद तत्कालीन संभाग आयुक्त रीवा एवं तत्कालीन जिला कलेक्टर रीवा द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किए जाने के बाद मनगवां थाने में अपराध क्रमांक 470/2020 दर्ज किया जाकर आईपीसी की धारा 409, 420, 120बी और 34 एवं आईटी एक्ट की धारा 66सी और 66डी लगाई गई थी। जाहिर है जिस प्रकार के आरोप और धाराएं आरोपी पर लगाई गई हैं ऐसे मामलों में बिना पुलिस रिमांड लिए सामान्य तौर पर कोर्ट में पेश किया जाना और जमानत का लाभ दिलवाया जाना पूरे मामले पर लीपापोती करने जैसा परिलक्षित हो रहा है। इस बात को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आपत्ति दर्ज की है और कहा है कि पुलिस और प्रशासन की नाक के नीचे रोज जिला पंचायत, कलेक्टर, कमिश्नर और कोर्ट के आसपास घूमने वाला प्रमुख आरोपी मास्टरमाइंड राजेश सोनी को पुलिस और प्रशासन का संरक्षण था जिसकी वजह से उसे गिरफ्तार नहीं किया जा रहा था और फरार बताया जा रहा था। अब जबकि उसे गिरफ्तार किया गया है तो कहीं पुलिस बिना रिमांड लिए और बिना कंप्यूटर एवं सरकारी दस्तावेज जप्त किए जमानत का लाभ न दिलवा दे इसकी आशंका सभी को बनी हुई है। ऐसे में शिकायतकर्ताओं द्वारा आपत्ति किया जाना जायज भी है।
एडिशनल एसपी विवेक लाल की मदद से गिरफ्तार हुआ राजेश सोनी
सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने बताया की पूरे मामले को लेकर आईजी कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों एवं मनगवां थाना प्रभारी जयप्रकाश पटेल को बार-बार अवगत कराया गया लेकिन जब इन अधिकारियों द्वारा कोई भी रुचि नहीं ली गई और जयप्रकाश पटेल के द्वारा फोन भी रिसीव नहीं किया गया तब उन्होंने मामले को एडिशनल एसपी मऊगंज विवेक लाल को अवगत कराया और तब एडिशनल एसपी ने थाना प्रभारी मनगवां जयप्रकाश पटेल को कांफ्रेंस में लेते हुए यह पूछा की क्यों कार्यवाही नहीं कर रहे हो तो जयप्रकाश पटेल ने इधर उधर का बहाना बनाया। इसके बाद तत्काल एडिशनल एसपी मऊगंज ने सिविल लाइन थाना प्रभारी हितेंद्रनाथ शर्मा को मात्र 10 मिनट के अंदर कोर्ट के पास मौके पर भेज दिया और तब हितेंद्र शर्मा लोकायुक्त कोर्ट में कार्यरत दो आरक्षकों के साथ मिलकर घोटाले के मास्टरमाइंड आरोपी राजेश सोनी को गिरफ्तार कर सिविल लाइन थाने की तरफ ले गए। इस बीच द्विवेदी ने बताया कि पूरे मामले में एडिशनल एसपी मऊगंज विवेक लाल का योगदान अत्यंत सराहनीय रहा है जिसकी वजह से प्रमुख आरोपी पकड़ा गया।
एक नज़र
राजेश सोनी पर गंगेव जनपद की 38 ग्राम पंचायतों में अवैधानिक तरीके से लगभग 13 करोड़ रुपए के ग्रामीण विकास की राशि को शिवशक्ति ट्रेडर्स और अन्य से सांठगांठ कर सरपंच सचिवों के सहयोग से गलत खातों में ट्रांसफर कर दिया गया था। इसमें सरपंच सचिवों का डिजिटल सिग्नेचर भी राजेश सोनी के पास था इसीलिए इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 66सी और 66डी भी लगाई गई है। राजेश सोनी ने अब तक कोई भी दस्तावेज पिछले 3 वर्ष से जनपद गंगेव को प्रभार में नहीं दिए हैं और सब दबा कर बैठा है। इसलिए उसे जमानत का लाभ न मिले और पुलिस इससे पूछताछ कर कंप्यूटर के साथ समस्त कागजात जब्ती के लिए राजेश सोनी को रिमांड पर ले।
- शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक कार्यकर्ता
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