निर्माण कंपनी एचईएस इंफ्रा को दी खुली छूट, 6 साल बाद ब्लैकलिस्ट तो किया लेकिन नहीं लगाया कोई जुर्माना
रीवा, मप्र। जल संसाधन विभाग एवं गंगा कछार परियोजना रीवा के तत्कालीन प्रभारी चीफ इंजीनियर सीएम त्रिपाठी की कार्यप्रणाली और पुराने ट्रैक रिकॉर्ड को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने बड़े सवाल खड़े किए हैं।
तत्कालीन अधीक्षण अभियंता गंगा कछार सीएम त्रिपाठी की दो बार की गई संविदा नियुक्ति को लेकर शिवानंद द्विवेदी ने कहा है कि सीएम त्रिपाठी पहले ही वाणसागर परियोजना में व्यापक भ्रष्टाचार के लिए ईओडबलू द्वारा दर्ज किए गए एफआईआर में मुख्य आरोपी है। इनके ऊपर कई भ्रष्टाचार के आरोप लगते आ रहे हैं। उन्होंने कहा की वर्ष 2013 में एच ई एस इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड को इस परियोजना में दिए गए कॉन्ट्रैक्ट को समय पर पूरा न किए जाने के लिए पूरी तरह से रीवा जिले के तत्कालीन सभी चीफ इंजीनियर जिम्मेदार हैं। श्री द्विवेदी ने कहा की 239 करोड़ों रुपए की लागत से बनाई जा रही त्योंथर बहाव परियोजना 03 वर्ष के कॉन्ट्रैक्ट अनुसार वर्ष 2016 में पूरी की जानी थी लेकिन पूरे 9 वर्ष बाद भी इस प्रोजेक्ट को पूरा नहीं किया जा सका और जितने भी चीफ इंजीनियर और अधीक्षण अभियंता प्रभार में आए किसी ने भी निर्माण कंपनी के ऊपर कार्यवाही नहीं की और न ही कोई जुर्माना लगाया।
कमीशन खोरी के चक्कर में पूरे मामले को दबाया गया और जब पानी सर के ऊपर निकल गया तब 09 साल बाद जाकर एचईएस इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया गया और साथ में कोई जुर्माना भी अधिरोपित नहीं किया गया जबकि निविदा की शर्तों का पालन न करने पर निर्माण कंपनी की बैंक सुरक्षा गारंटी की राशि भी जब्त की जाती है।
भ्रष्ट और दागी चीफ इंजीनियर सीएम त्रिपाठी पर मेहरबान जल संसाधन विभाग ने रिटायर होने के बाद भी दी संविदा नियुक्ति
पूरे मामले पर जल संसाधन विभाग मध्यप्रदेश शासन तुलसी नगर भोपाल सहित मंत्रालय स्तर पर सवाल खड़ा करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा है कि सब की मिलीभगत और कमीशन खोरी से एक भ्रष्ट अधीक्षण अभियंता को संविदा में चीफ इंजीनियर का प्रभार देते हुए विंध्य के किसानों और नागरिकों का शोषण किया गया। 239 करोड़ रुपए से बनाई जाने वाली त्यौंथर बहाव परियोजना का कोई भी उपयोग न तो अब तक संभव हो पाया है और न ही भविष्य में होगा क्योंकि पूरी परियोजना में ही गड़बड़ी है। एक्टिविस्ट द्विवेदी ने बताया कि जब तक किसी जिम्मेदार चीफ इंजीनियर की नियुक्ति जल संसाधन विभाग रीवा में नहीं होती जो पूरे कार्य को सही तरीके से मॉनिटर करे तब तक रीवा के किसानों को इन नहरों से पानी नहीं मिलेगा।
- शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक कार्यकर्ता
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