सावित्री बाई फुले – वो महिला जिन्होंने महिलाओं की शिक्षा को लेकर क्रांति छेड़ दी थी
सावित्री बाई फुले ने शिक्षा के महत्व को समझते हुए महिला शक्ति में शिक्षा की ज्योति जलाई और शिक्षा के प्रसार को गति देकर उनमें नई चेतना का सृजन किया। उनके सामाजिक सुधार कार्यों को कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता। यह बात स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने मंगलवार को मंत्रालय स्थित सरदार पटेल पार्क में आजादी के अमृत महोत्सव के परिप्रेक्ष्य में माता सावित्री बाई फुले की 192वीं जयंती पर अनुसूचित जाति, जनजाति अधिकारी-कर्मचारी संघ द्वारा मप्र मंत्रालयीन/सचिवालयीन सेवा से वर्ष 2022 में सेवानिवृत हुए सभी वर्गों के शासकीय सेवकों के विदाई समारोह में कही।
राज्य मंत्री श्री परमार ने सेवानिवृत सभी शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों को बेहतर भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों ने समर्पित भाव से अपनी पूरी सेवाएँ दी और सरकार के कार्यों को गति दी। उन्होंने अपने जीवन का अमूल्य समय प्रदेश के विकास में समर्पित कर दिया, जिसका परिणाम आज नए मध्यप्रदेश में दिखता है। श्री परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में गिना जा रहा है। समरसता के साथ सभी के हितों को ध्यान रखते हुए स्वर्णिम और आत्म-निर्भर की ओर बढ़ रहे हैं। आजादी के अमृत महोत्सव में महात्मा फुले, सावित्री बाई फुले जैसे महापुरूषों और समाज सुधारकों का स्मरण किया जा रहा है।
राज्य मंत्री श्री परमार ने वर्ष 2022 में सेवानिवृत हुए सभी वर्गों के शासकीय सेवकों का सम्मान किया। सेवानिवृत 22 अधिकारी, 44 कर्मचारी एवं 21 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का सम्मान किया।
अध्यक्ष म.प्र. राज्य कर्मचारी कल्याण संघ श्री रमेश चंद्र शर्मा, प्रदेश महासचिव श्री एस.एस. सूर्यवंशी, प्रदेश महासचिव अजाक्स श्री गौतम पाटिल सहित पदाधिकारी एवं सेवानिवृत शासकीय सेवक उपस्थित रहे।
Post Views: 153