मामला रीवा ज़िले की जनपद पंचायत त्योंथर अंतर्गत ग्राम पंचायत देउपा कोठार का है। जहां ग्राम पंचायत देउपा कोठार की महिला सरपंच सुत्रामा देवी द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि उप सरपंच देउपा कोठार और सचिव जिनके पास वित्तीय प्रभार है, द्वारा उनका फर्जी हस्ताक्षर कर कई कार्यों के नाम पर अवैध धन राशि निकासी हुई है। साथ ही हाल ही में लगाये गये बिल को लेकर भी आपत्ति जताई है। इस संबंध में महिला सरपंच द्वारा कई बार आवाज़ उठाई गई लेकिन उप सरपंच व सचिव के रौब के आगे एक न चली। यहाँ तक कि महिला सरपंच द्वारा जब ज़िला पंचायत रीवा से पूर्व सचिव के नाम का आदेश जारी करवाया गया तो उस पर जनपद पंचायत त्योंथर के अधिकारियों द्वारा महीने भर बीत जाने के बावजूद भी कोई अमल नहीं किया गया। महिला सरपंच ने बताया कि ग्राम सभा कि बैठक कब होती है, कौन करता है, कितने प्रस्ताव आये और कितने स्वीकृत हुए कि जानकारी तक उनके पास नहीं आती और न ही अभी तक कोई बैठक में शामिल हुई हैं। यहाँ तक कि वेंडर पेमेंट में भी बड़ी धांधली की आशंका जताई है। लंबे समय से ग्राम पंचायत देउपा कोठार में दबदबा का खेल चलता रहा है और अपने प्रभाव से ग्राम पंचायत के कार्यों को प्रभावित कर मोटा मुनाफ़ा कमाया गया है लेकिन आज तक कोई भी कार्यवाही होती नहीं दिख रही।
महिला सरपंच ने जुलाई 2024 में जनपद पंचायत त्योंथर को ग्राम पंचायत में स्वीकृत हुए कार्यों में हो रही अनियमितता और अवैध रूप से हो रही धन राशि निकासी को लेकर पत्र के माध्यम से जानकारी दी थी। उक्त पत्र के में महिला सरपंच द्वारा सुनवाई ना होने पर आत्मघाती कदम तक उठाने की बात लिखी गई है। हालाँकि जनपद पंचायत त्योंथर अंतर्गत आने वाली कई पंचायतों से लगातार शिकायतों का दौर जारी रहता है। कइयों में जाँच होती है और फिर सब कुछ ठंडे बस्ते में चली जाती है। यहाँ तक कि कई बार विभिन्न मामलों को लेकर शिकायतकर्ताओं द्वारा जनपद पंचायत त्योंथर सीईओ पर भी सवाल किए गए हैं। जिसमें ग्राम पंचायत चन्दपुर के नाली निर्माण घोटाला, ग्राम पंचायत चंदई में बिना प्रस्ताव लाखों रुपए खर्च कर बनाया गया स्टेप डैम बिना आदेश तोड़ने का मामला, ग्राम पंचायत फ़रहदी में गौशाला प्रकरण, ग्राम पंचायत गंगतीरा कला में मुख्य मार्ग से सटा कर नाडेप निर्माण, ग्राम पंचायत सोनौरी में सड़क, नाली, बाउंड्री, आदि में बंदरबाँट, ग्राम पंचायत बरेती खुर्द में नाली निर्माण में धांधली जैसे न जाने कितने मामले हैं जो समय के साथ धीरे – धीरे नज़रअंदाज़ कर दिये गये या फिर लंबित कर ठंडे बस्ते में डाल दिये गये। मामले में कार्यवाही ना होने की वजह से धीरे – धीरे शिकायतकर्ता भी शांत बैठ गये।
पंचायती स्तर पर चल रही बंदरबाँट और धांधली की कहानी नई नहीं है। बावजूद कोई कठोर कदम उठाये नहीं गये। ऐसा ही कुछ अब ग्राम पंचायत देउपा पर भी आरोप है जिसकी वजह से महिला सरपंच जनपद पंचायत त्योंथर के अधिकारियों से गुहार लगा रही लेकिन आदेश और शिकायत को महीने भर बीत जाने के बावजूद जनपद पंचायत के अधिकारियों द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही देखने को नहीं मिली। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर महिला सरपंच द्वारा कोई आत्मघाती कदम उठाया जाता है, जैसा कि उनके पत्र में लिखा गया है तो उसका ज़िम्मेदार कौन होगा ? महिला सरपंच द्वारा जो आरोप लगाए गए अगर उसकी जाँच कभी हुई और आरोप सही पाये गये तो कार्यवाही कब तक होगी ?