जिले भर में 25 जून से 27 अगस्त तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा दस्तक अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत पाँच साल तक के सभी बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच की जा रही है। अभियान के दौरान जिले के 2776 गांवों में दो लाख 82 हजार से अधिक बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच की जाएगी। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजीव शुक्ला ने बताया कि दस्तक अभियान के लिए प्रत्येक विकासखण्ड में प्रशिक्षित दल तैनात किए गए हैं। इस दल में एएनएम, आशा कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल हैं। इनके द्वारा घर-घर जाकर पाँच साल तक के सभी बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच की जा रही है। अब तक 184 गांवों में 14548 बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच की जा चुकी है। इनमें जाँच के बाद 102 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित पाए गए। इसके साथ-साथ 26 बच्चे मध्यम कुपोषित, 89 में खून की कमी और 392 बच्चे दस्त से पीड़ित पाए गए। सभी चिन्हित बच्चों को अतिरिक्त पोषण आहार एवं समुचित उपचार की सुविधा दी गई है। बच्चों को विटामिन ए का घोल, जिंक की टैबलेट तथा ओआरएस दिया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि दस्तक अभियान में जो बच्चे कुपोषित अथवा बीमार मिल रहे हैं उन्हें उपचार की सुविधा देने के साथ-साथ उनका लगातार फॉलोअप किया जा रहा है। अभियान के दौरान पाँच साल तक के सभी बच्चों में निमोनिया, जन्मजात विकृति एवं बच्चे की वृद्धि में विलंब की भी जाँच की जा रही है। अभियान के दौरान बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण भी किया जा रहा है। पाँच साल तक के जिन बच्चों के टीके किसी वजह से निर्धारित तिथि से छूट गए हैं उन्हें मंगलवार और शुक्रवार के टीकाकरण दिवसों में आँगनवाड़ी केन्द्र ले जाकर टीके लगवाए जा रहे हैं। बच्चों की स्वास्थ्य की जाँच के दौरान सिकल सेल एनीमिया की भी पहचान की जा रही है।