लेखनी कोई जहर नहीं : वैमनुष्यता नहीं बल्कि उत्सवी बने लक्ष्य के उद्गार
यदि लिखना ही लक्ष्य है तो ,लिखना, सिर्फ नकल नहीं, देवी देवताओं एवं पवित्र ग्रंथों के प्रति उंगली उठाना नहीं, महापुरुषों के प्रति खीझ मिटाना नहीं, मस्करी नहीं, व्यापार नहीं, गुरुर नहीं, लेखनी कोई जहर नहीं। लिखना समझ है, सच्चाई है, निर्भीकता है, लोकहित है, विचार है, क्रांति है, जज्बा है, संदेश है, समाज के … Read more