जवा, रीवा। लंबे समय से गरीबों की लड़ाई लड़ने वाले प्रदीप सिंह उर्फ पप्पू माण्डा ने विभिन्न जन समस्याओं को लेकर प्रेस वार्ता का आयोजन किया जिसमें पूर्व विधायक सिरमौर एवं भाजपा नेता राजकुमार उर्मलिया साथ रहे। नेता द्वय ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए क्षेत्र की प्रमुख समस्या शासकीय भूमियों में अतिक्रमण विषय पर प्रशासनिक उदासीनता को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया साथ ही नल जल योजना, लोग स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, बिजली विभाग, वन विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं नगर पंचायत डभौरा की समस्याओं पर शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया। प्रदीप सिंह माण्डा एवं पूर्व विधायक उर्मलिया ने कहा की सिरमौर विधानसभा एवं समूची जवा तहसील में एक ओर गरीबों को बसने के लिए जमीन नहीं है तो दूसरी ओर राजस्व विभाग की लगभग हर गांव में बड़ी मात्रा में शासकीय भूमि पड़ी हुई है जिन पर दबंगों एवं अपात्रो का कब्जा है उन भूमियों को कई बार गरीबों के आवेदन- निवेदन एवं हम लोगों द्वारा शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने के बाद भी अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया गया जिसका जिम्मेदार केवल राजस्व अमला है। हम मांग करते हैं कि समस्त ग्रामों की शासकीय भूमियों को अतिक्रमण मुक्त करा के गरीब परिवारों को चाहे वह किसी भी जाति या धर्म के हो उन्हें आवंटित कर पट्टा दिलाया जाए। इसी तरह वन विभाग की जो भूमियां गांवों के नजदीक हैं और जो लोग वन भूमियों में बसे हैं उन्हें वन अधिकार का पट्टा शासन प्रशासन दिलाए । यह अनिवार्यता अनुचित है कि केवल आदिवासी परिवार को ही पट्टा दिया जा रहा है जबकि अनेकों अनेक जातियों के के भूमिहीन बसे हुए हैं। राजकुमार उरमालिया ने कहा नल जल योजना में जल निगम द्वारा पाइपलाइन एवं टंकी निर्माण में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है जिसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, और गुणवत्तापूर्ण निर्माण कराया जाए यह तराई अंचल के लोगों के जीवन का मामला है आने वाली पीढ़ियों तक के लिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शासन द्वारा यह योजना चलाई गई है। प्रदीप सिंह माण्डा ने कहा की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की लापरवाही से समूचे अंचल में इस भीषण गर्मी में पीने के पानी के लिए त्राहि -त्राहि मची है हैंड पंप बंद पड़े हैं या तो उनमें राइजर पाइप नहीं है या तो बिगड़े पड़े हैं वही विभाग के अधिकारी कर्मचारी राइजर पाइप के नाम पर शासन के धन का बंदरबांट कर रहे हैं और लोग पानी के लिए तड़प रहे हैं।
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यही हालत पंचायतों में नजर आता है कहने को तो पंचायतों को सांसद विधायक निधि से टैंकर मिले हुए हैं लेकिन पीने के पानी की व्यवस्था किसी भी पंचायत में उन टैंकरों के माध्यम से होती नहीं दिख रही है जबकि अनेकों गांवो में दो दो तीन तीन किलोमीटर दूरी से पानी लाकर जीवन जीने को लोग मजबूर है। श्री उर्मलिया ने आगे कहा की सिरमौर विधानसभा अंतर्गत जवा एवं सिरमौर तहसील के अनेकों गांवों में ट्रांसफार्मर जले पड़े हैं जिन लोगों के पास अपने निजी बोर हैं भी वह भी दूसरो को पानी देना तो दूर बिजली के अभाव में स्वयं प्यासे मरने को मजबूर हैं, लेकिन बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ट्रांसफार्मर वही का बदलते हैं जहां से कुछ रुपए मिल जाते हैं इसी तरह टमस बहाव परियोजना जो समुचे तराई अंचल के किसानो की किस्मत बदलने वाली थी उसमें मेंटेंना कंपनी के भ्रष्टाचार का ग्रहण लगा हुआ है जो नहरे पुलिया बनाई गई अब तक वह दरारों में अभी से टूट चुकी है निर्माण के नाम पर मेंटेंना सिर्फ औपचारिकता निभा रही है. इससे कैसे खेतों तक पानी जाएगा यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है मैं शासन प्रशासन से आग्रह करता हूं इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और तराई अंचल के किसानो की जीवन रेखा नहरो का गुणवत्ता पूर्ण निर्माण कराया जाए।
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पप्पू मांडा आगे कहा की जवा जनपद क्षेत्र में अनेकों गौशालाओं का निर्माण कराया गया जिन में कई पूर्ण बताई जाती हैं तो कई वर्षों बाद अभी भी निर्माणिधीन बताई जा रही हैं, इनमें भी व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है दुर्भाग्य की बात तो यह है जिस भी तरह से जो गौशालाएं निर्मित बताई जा रही है उनका संचालन आज भी नहीं हो रहा है कागजों में बेशक जनता के धन का लूट हो रहा हो इसी तरह कहने को मनरेगा गांव के मजदूरों को गांव में ही काम देने की योजना हो और शासन द्वारा भले ही पंचायत को लाखों लाख रुपए वर्ष में दिए जा रहे हो मगर यहां मजदूरों को काम नहीं मिलता जो काम हो रहे हैं उन कार्यों में मशीनों का उपयोग बेधड़क किया जा रहा है और मास्टर रोल में उन्हें मजदूर दिखाया जाता है जो अपने घर के ही काम कभी अपने हाथों से नहीं किए हैं और ना ही जिनका उसे गांव में निवास है, इसी तरह जवा तहसील की इकलौती नगर पंचायत डभौरा में नाली निर्माण एवं विद्युतीकरण के नाम पर व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है जिसकी में शासन प्रशासन से जांच करा कर भ्रष्टाचार में संलिप्तों पर कठोर कार्यवाही की मांग करता हूं । पप्पू माण्डा ने आगे कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई तराई अंचल के समाजसेवियों ने जारी रखी है इसी कड़ी में मैंना सिंह निवासी खाझा ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर शासकीय जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने की अपील की है। (राम मनोरथ – अनूप कुमार)
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