अनूप गोस्वामी, त्यौंथर। गौवंशों की बड़ी खेप लेकर जा रहे तस्कर गौ सेवकों द्वारा रंगे हांथ दबोच लिए गए। खबर रीवा जिले के सोहागी थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत कोनिया कला से है। सूत्रों के मुताबिक कई सालों से गांव के ही कुछ लोगों द्वारा सीधी सिंगरौली के अवैध व्यापारियों से सांठ – गांठ कर गौ तस्करी को दिया जा रहा था अंजाम। गौ तस्करी में कोनिया कला के सरपंच की भूमिका भी है संदिग्ध। तकरीबन दो घंटे तक मौके पर न पुलिस पहुंची न सरपंच लेकिन तस्करों की फौज लगातार गौ सेवकों पर बना रही थी दबाव। पूर्व में ही जानकारी दिए जाने के बावजूद त्यौंथर, रीवा प्रशासन की उदासीनता भारी पड़ सकती थी गौ सेवकों पर। कोनिया कला में सालों से चल रहे गौतस्करी का कौन है मास्टरमाइंड ? क्या मोहन सरकार गौ तस्करों पर कसेगी शिकंजा?
घटना क्रम
तक़रीबन दो तीन दिन पहले गौ भक्तों को जानकारी दी गई कि जनपद पंचायत त्यौंथर की ग्राम पंचायत कोनिया कला में सालों से चोरी – छुपे कुछ ग्रामीणों के सह से सीधी सिंगरौली के अवैध व्यापारियों द्वारा अवैध रूप से बेसहारा गौवंशों की तस्करी की जा रही है। साथ ही सबूत के तौर पर कुछ विज़ुअल भी दिए गए। मामला संवेदनशील होने की वजह से बताये गए स्थान पर जाने से पहले ही पुलिस प्रशासन को जानकारी दे दी गई। गौवंशों को गौकसी से बचाने परम गौभक्त गौ सेवक डॉक्टर रोहित तिवारी, मिथिलेश तिवारी (विश्व हिन्दू परिषद् गौरक्षा प्रमुख प्रखंड त्यौंथर), ब्रह्मानंद त्रिपाठी (विश्व हिन्दू परिषद् संयोजक प्रखंड चाकघाट), अधिवक्ता चंदन (विश्व हिन्दू परिषद् सह संयोजक प्रखंड चाकघाट), दिनेश भाई (विश्व हिन्दू परिषद् गौरक्षा प्रमुख प्रखंड चाकघाट), गौभक्त गौ संरक्षक अरिमर्दन सिंह दद्दू भइया, गौभक्त विकास सिंह बघेल, गौभक्त अखिलेश वर्मा, गौभक्त डीके यादव, गौभक्त विनोद सिंह गाढ़ा, गौभक्त प्रभात सिंह बघेल झोटिया, गौभक्त रामजी कोनिया, पत्रकार अनूप गोस्वामी (RYV) सहयोगी राजेंद्र आदिवासी बजरंगी, पत्रकार इशू केशरवानी, पत्रकार राम मनोरथ विश्वकर्मा (RYV) समेत तक़रीबन 20 लोगों का दल जब तक मौके पर पहुँचता तस्करों ने बेसहारा गौवंशों को मौके से हटा दिया लेकिन रस्सी नहीं खोल पाए। जिसकी वजह से गौवंश कुछ दूर पर ही एक खेत के अंदर जबरन घुसेड़ते दिख गए। जब उनसे पूंछा गया कि उक्त गौवंश किसके हैं तो पहले तो गोल मोल जबाब दिया। जब नाम पूंछा गया तो वो भी गलत बताया गया। किसी ने खुद को छात्र बताया तो किसी ने खुद को सूरत में काम करने वाला कर्मचारी बताया। मौके पर पहुंचे कुछ ग्रामीणों ने पकड़े गए लोगों के बारे में जानकारी दी कि इनमें से कोई भी इस गांव का नहीं है। इन लोगों द्वारा कई सालों से हज़ारों के तादाद में नदी के रास्ते पहाड़ चढ़ा कर लालगांव होते हुए गौवंशों को ले जाया जाता है। इतना ही नहीं अगर कोई कुछ पूंछे या शिकायत करने को कहे तो गांव के ही बाल्मीक और उनके घर कि महिलाओं द्वारा जीना दूभर कर दिया जाता और गलत मामलों में फ़साने कि धमकी दी जाती है। पकड़े गए तस्कर लक्ष्मण यादव पिता कनहई यादव, ग्राम बारी थाना चुरहट जिला सीधी द्वारा बताया गया कि जिला सीधी से सहयोगी किथिन यादव पिता छोटे लाल यादव ग्राम बारी थाना चुरहट जिला सीधी, रामसजीवन यादव पिता सोभनाथ यादव ग्राम बारी थाना चुरहट जिला सीधी के साथ मिलकर चार – पांच सालों से इस व्यापर को चला रहे और इस समय वो भी उसी गांव में मौजूद हैं। इस दौरान पकड़े गए तस्करों ने बताया कि बाल्मीक सोनकर पिता नंदा सोनकर, कलुआ सोनकर पिता मुन्नू सोनकर, सुन्दर सोनकर पिता बाल्मीक सोनकर, नारायण, सत्यदेव, ललई, भयउ, सुशीले आदि द्वारा मिलकर इन गौवंशों को पकड़ कर एक जगह इकट्ठा करवाया जाता है। जब पकड़े गए तस्करों से सहयोगियों को बुलाने के लिए फ़ोन करवाया गया तो फ़ोन में दूसरी तरफ महिलाएं थी जो गौसेवकों को मैनेज करने कि बात कर रहीं थी। प्रशासन को जानकारी देने के बावजूद तक़रीबन दो घंटे तक कड़ी धूप में गौ सेवक पुलिस का इंतजार करते रहे लेकिन इस दौरान न तो त्यौंथर एसडीओपी का फोन उठा न ही सोहागी थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। इस दौरान पुरुषों समेत महिलाओं कि कुछ टोली लगातार गौ तस्करों के संरक्षण में गौ सेवकों पर दबाव बनाने का प्रयास करती रही। मामला बिगड़ते देख पुलिस अधीक्षक रीवा को जानकारी दी गई जिसके कुछ देर बाद मौके पर त्यौंथर चौकी में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक अकेले ही पहुंचे और बताया कि चौकी में कोई भी नहीं है। उनके द्वारा जब बेसहारा गौवंशो के अस्थायी सुपुर्दगी के लिए कोनिया कला सरपंच को जानकारी दी गई तो उन्होंने सिरे से नकार दिया और कहा कि यह सरकार कि जिम्मेदारी है। मामले में त्यौंथर एसडीएम को जानकारी दी गई और उन्होंने बेसहारा गौवंशो के लिए अस्थाई आसरे कि जिम्मेदारी ली। कार्यवाई के दौरान कुछ ग्रामीणों ने बताया कि इस गोरख धंधे में सरपंच कि भी सह है। मामले में गौ भक्त इशू केशरवानी ने कहा कि अगर समय रहते पुलिस बल मौके पर पहुँचती तो तस्कर द्वारा बताये गए कई लोगों को भी ढूंढ़ निकाला जाता लेकिन त्यौंथर पुलिस प्रशासन कि उदासीनता कि वजह से कई तस्कर हाँथ से निकल गए जो न जाने कितने गौकसी के कारण होंगे।
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सोहागी थाने में मौजूद था बल
तस्करों को पकड़े जाने वाले स्थान से सोहागी थाने कि दूरी तक़रीबन दस से पंद्रह किलोमीटर कि बताई गई और बताया गया कि अगर पुलिस प्रशासन चाहता तो मौका स्थल पर पहुँच कर गौ भक्तों को पर्याप्त मदद मुहैया करा देता जिससे कई और तस्कर पुलिस गिरफ्त में होते और बहुत बड़ा तस्करी का अवैध व्यापर नेस्तोनाबूत हो सकता था। मौके पर पहुंचे सहायक उप निरीक्षक को तस्करों को थाने ले जाने के लिए वाहन भी गौ सेवकों द्वारा मुहैया कराया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं ने विरोध करना शुरू कर दिया और तस्करों को थाने ले जाने से रोकने का प्रयास भी किया। साथ ही गौ तस्करी का समर्थन करते हुए सारा दोष सरकार पर मढ़ना शुरू कर दिया।
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गौवंशों के संरक्षण में सरकार नदारद
एक तरफ वर्तमान सरकार सनातन संरक्षण का दावा करती है और दूसरी तरफ उसके शासन काल में ही अवैध रूप से गौ तस्करी का मामला कई बार देखने सुनने में आया है। हाल ही में कई सोशल मिडिया प्लेटफार्म में मध्य प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव जी का गौ प्रेम देखने को मिला लेकिन शायद वो जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं। त्यौंथर का आखिरी छोर उत्तर प्रदेश कि सीमा से लगता है और आये दिन रायपुर सोनौरी के तराई क्षेत्रों से लेकर केचुआ पैरा तक के क्षेत्रों से अवैध रूप से गौवंश को ले जाने कि खबरें आम हैं। जिसमें कुछ तो प्रकशित हुई और कुछ तराई में ही खौफ का शिकार हो गईं। गौ संरक्षण को लेकर परम गौभक्त गौ सेवक डॉक्टर रोहित तिवारी ने प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव जी से गुहार लगाई है और ऐसे तस्करों पर कठोर से कठोर कार्यवाई करवाने के लिए निवेदन किया है।