सीएम हेल्पलाइन 181 में 21 अप्रैल 2024 से लंबित है शिकायत, हैंड पंप सुधार की बजाय मनमानी पर उतारू पीएचई विभाग के कर्मचारी – शिकायतकर्ता
मई का महीना और भीषण गर्मी से तराई अंचल में पानी की किल्लत से त्राहि – त्राहि मची है, तो वहीं पीएचई विभाग कुंभकर्णी निद्रा में मस्त सो रहा है। हालत यह है कि मध्य प्रदेश की जनता के प्रति संवेदनशील सरकार जहां जन सुविधाओं के प्रति सीएम हेल्पलाइन जैसी सर्व सुविधा जनक ऑनलाइन सेवा संचालित कर रखी है, वही जिला पंचायत रीवा अंतर्गत जवा जनपद के पीएचई विभाग के कर्मचारी सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को भी धता बता कर अपने अड़ियल एवं मनमानी रवैये से बाज नहीं आ रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत अतरैला वार्ड क्रमांक 6 के निवासी सुरेश तिवारी ने बताया कि मेरे वार्ड में स्थापित पीएचई विभाग का हैंडपंप “हैंडिल, एक्सल, बैरिंग एवं राइजर पाइप” खराब होने के कारण लगभग 12 दिनों से बंद पड़ा है, जिसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में 30 अप्रैल 2024 से लंबित है, किन्तु विभाग द्वारा आज दिनांक तक हैंडपंप सुधार के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई, स्थानीय स्तर पर क्षेत्र के मैकेनिक अरुण तिवारी, आर के सिंह एसडीओ पीएचई जवा से संपर्क करने का प्रयास किया गया, किंतु कोई भी अधिकारी कर्मचारी फील्ड में उपलब्ध नहीं हुए। ग्रामीणों ने माननीय जिला कलेक्टर महोदया से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से निवेदन किया है कि जवा जनपद का अधिकतम भाग पानी की कमी से जूझ रहा है, नल जल की योजनाएं निरंतर कार्य प्रगति में होने के कारण अभी चालू नहीं है अधिकतम पानी का हैंडपंप ही सहारा है। ऐसे में हैंडपंपों के सुधार के लिए पीएचई विभाग जवा को निर्देशित करने की कृपा की जाए जिससे भीषण गर्मी में बूंद – बूंद पानी के लिए ग्रामीणों को तरसना एवं भटकना न पड़े।
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नया नहीं है हैंडपंप का जर्जर होना
जहाँ जिले भर में पेयजल संकट को लेकर कमिश्नर बैठक कर रहे वहीं उनके अधीन कर्मचारियों द्वारा बैठक के बाद जमीनी समस्याओं से दो चार होने के बजाय शिकायतों को रद्दी समझ नजरअंदाज कर दिया जाता है। ऐसा नहीं की जनपद जवा का इकलौता हैंडपंप ख़राब है बल्कि लगभग हर पंचायत में यह समस्या आम हो सकती है। फ़िलहाल देखना होगा की वातानुकूलित कमरे से निकल कर कब जिम्मेदार इन खस्ता और जर्जर हालत वाले हैंडपम्पों में सुधर करेंगे!