हनुमान जन्मोत्सव : मान्यता है कलयुग में भी जीवित हैं महाबली हनुमान, हर लेते हैं कष्ट

हनुमान एक ऐसे स्वामी भक्त एक ऐसे सेवक जिन्हे सिर्फ सियाराम ही महसूस होते हैं। जिनके लिए जन्म का उद्देश्य ही स्वामी भक्ति है। हां, शास्त्रों और वेदों में हनुमान जी को कलयुग का देवता बताया गया है। कहा जाता है कि वे कलयुग के अंत तक पृथ्वी पर रहेंगे। मान्यता है कि कलयुग का अंत अभी भी बहुत दूर है इसलिए हनुमान जी पृथ्वी पर मौजूद हैं। हनुमान जी को धर्म की रक्षा के लिए अमरता का वरदान मिला था। अमरता के वरदान के कारण ही आज भी हनुमान जी जीवित हैं और वो धरती पर धर्म ध्वजा लिए स्वामी सेवा में समर्पित हैं।

आज समूचे भारत में हनुमान जन्मोत्सव का त्यौहार हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सप्ताह के सातों दिन बजरंगबली पूजा की जाती है लेकिन मंगलवार का दिन हनुमान भक्ति को कई युगों से समर्पित है। महाबली हनुमान जी कि विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए ‘हनुमान जन्मोत्सव’ का दिन अत्यंत शुभ माना गया है। हर वर्ष चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जन्मोत्सव का पावन पर्व मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार हनुमान जी के समक्ष किसी भी तरह की शक्तियां नहीं टिक पाती है। हनुमान जी सभी दुख, दर्द हर लेते हैं। इसलिए उन्हें संकटमोचन कहा जाता है। इस शुभ दिन पर सभी हनुमान भक्त एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहू को डरना

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