नहीं रहे मशहूर गजल गायक पंकज उधास, 72 साल की उम्र में ली आखिरी साँस

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंकज उधास का निधन 26 फरवरी को सुबह करीब 11 बजे ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ। पंकज जी लंबे समय से बीमार थे। बीते कई दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। पंकज जी के निधन की खबर से फिल्म जगत में शोक की लहर है। चिट्ठी न कोई सन्देश से सुर्ख़ियों बटोरने वाले पंकज उधास के चाहने वालों को बड़ा झटका लगा है। उनके फैंस सोशल मीडिया पर उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि दे रहे हैं। जानकारी के मुताबिक पंकज उधास को कुछ महीने पहले कैंसर डिटेक्ट हुआ था और वो पिछले कुछ महीने से किसी से मिल नहीं रहे थे। उनका अंतिम संस्कार कल मुंबई में किया जाएगा।

पंकज उधास के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जाहिर किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर दिवंगत सिंगर के साथ कुछ फोटोज शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है पीएम मोदी ने लिखा – ‘हम पंकज उधास जी के निधन पर शोक जाहिर करते हैं, जिनकी गायिकी कई तरह की भावनाओं को जाहिर करती थीं और जिनकी गजलें सीधे आत्मा से बात करती थीं, वह भारतीय संगीत के एक प्रकाश स्तंभ थे, जिनकी धुनें पीढ़ियों से चली आ रही थीं मुझे पिछले कुछ सालों में उनके साथ हुई अपनी अलग-अलग बातचीत याद हैं उनके जाने से संगीत जगत में एक खालीपन आ गया है जिसे कभी नहीं भरा जा सकेगा उनके परिवार और फैंस के लिए संवेदनाएं ओम शांति’

रातोंरात मिली थी शोहरत
पंकज उधास गजल गायिकी की दुनिया में एक बड़ा नाम थे. उन्हें ‘चिट्ठी आई है’ गजल से शोहरत मिली यह गजल 1986 में रिलीज हुई फिल्म ‘नाम’ में थी पंकज ने कई गजलों को अपनी आवाज दी जिनमें ‘ये दिल्लगी’, ‘फिर तेरी कहानी याद आई’, ‘चले तो कट ही जाएगा’ और ‘तेरे बिन’ शामिल हैइसे अलावा ‘ना कजरे की धार’, ‘चांदी जैसा रंग है तेरा’ पंकज के यादगार गानों में से एक हैं

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