पूरा मामला रीवा जिले के जवा थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत बरांह का है, जहां पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिला अंतर्गत आने वाले भारत नगर चौखटा स्थित श्री रामा हॉस्पिटल के कर्मचारियों द्वारा एम्बुलेंस से त्यौंथर एवं जवा तहसील के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के कर्मचारियों जैसे डॉक्टरों, आशा कार्यकर्ताओं आदि को घर-घर जाकर मिठाइयां एवं गिफ्ट पैकट दिया जा रहा था। मामले की जानकारी लगते ही क्षेत्रीय पत्रकारों द्वारा जाँच पड़ताल की गई तो पता चला कि निजी अस्पताल में जो शासकीय कर्मचारी मरीज भेजते हैं, उनको कमीशन के रूप में कैश के साथ – साथ त्योंहारों में मिठाई और महगे गिफ्ट भी दिए जाते हैं। इस मामले में जब जिला चिकित्सा अधिकारी रीवा से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो जानकारी मिली कि सतना में वो स्वयं का नर्सिंगहोम होम चलाते हैं। अब जब कि जिला के आला अधिकारीयों पर ही आरोप लग रहा है तो तहसील क्षेत्र के कर्मचारी तो शासकीय वेतनमान के साथ – साथ सिर्फ कमीशन और मिठाई – गिफ्ट ही ले रहे तो ऐसे में कार्यवाई कौन करेगा जबकि पूरा सिस्टम ही राम भरोसे चल रहा है!
एक नज़र
एक तरफ मध्य प्रदेश चुनाव 2023 को कुछ ही दिन बचे हैं और अधिसूचना के चलते नाकों में जाँच भी कड़ाई से चल रही है। बावजूद इसके एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन व्यवस्था में मिठाई और गिफ्ट पैकेट पार करवा दिए गए। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इतने सख्त निर्देश के बावजूद मिठाई और गिफ्ट से भरी एम्बुलेंस सीमापार कैसे हो गई। दूसरी तरफ बड़ा सवाल यह है कि अगर चिकित्सा विभाग के कर्मचारी ही दलाली पर उतर आयेंगे तो गरीबों – मजलूमों के साथ सरकारी योजनाओं का क्या मायने रह जायेगा ? आखिर कब शासन – प्रशासन ऐसे मामलों को गंभीरता से लेकर सम्बंधित पर कार्यवाई करेगा और योजनाओं को सुचारु रूप से चला पायेगा !