अनूप गोस्वामी, कुठिला। आग का मामला रीवा जिले के त्योंथर तहसील अंतर्गत चिल्ला मार्केट में स्थित प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक्स का है। जहाँ दुकान में अज्ञात कारणों से भीषण आग लग गई। आग का पता लगते ही आनन – फानन में दुकान के मालिक प्रकाश गुप्ता एवं अन्य लोगों द्वारा फायर ब्रिगेड नगर परिषद त्योंथर को सूचना देने का प्रयास किया गया ताकि आग में समय रहते काबू किया जा सके लेकिन फायर ब्रिगेड अधिकारियों द्वारा कभी ड्राइवर का हवाला देकर तो कभी रात में ड्यूटी ना होने का बहाना बनाकर फोन बंद कर दिया गया। कुछ ही देर में आग ने भीषण रूप ले लिया और देखते ही देखते दुकान का सारा सामान जलकर राख हो गया।
पूरी ख़बर
हमारे संवाददाता के अनुसार देर रात तक़रीबन 2 से 3 बजे के बीच चिल्ला बाजार त्योंथर के वार्ड क्रमाँक 13 में स्थित प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक्स में आग की ख़बर से चारो तरफ हल्ला मच गया। जिसके बाद दुकान संचालक प्रकाश गुप्ता द्वारा आग पर काबू पाने के लिए लोगों से मदद मांगी गई। इसी दौरान प्रकाश गुप्ता एवं लोगों द्वारा आपातकालीन व्यवस्था फायर बिग्रेड को मदद के लिए फ़ोन लगाया गया लेकिन जिम्मेदारी को एक तरफ फेंक फायर बिग्रेड के अधिकारीयों द्वारा लापरवाही से ड्राइवर न होना और ड्यूटी नहीं लगी बोल कर पल्ला झाड़ लिया गया और फ़ोन बंद कर दिया गया। आग की दुर्घटना को लेकर सोहागी थाना प्रभारी गोकुलानंद पांडे जी ने भी कई बार प्रयास किया लेकिन फायर ब्रिगेड का कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। हालाँकि आपातकालीन व्यवस्था चौबिसों घंटे उपलब्ध का दावा किया जाता है और साल में दो चार बार ही ऐसी स्थिती बनती है। बावजूद नगर परिषद् त्योंथर फायर बिग्रेड के अधिकारी रात भर कुम्भकर्णीय नींद में मस्त रहे और दुकान में लाखों का समान राख हो गया। सबसे बड़ी बात सुबह लगभग 5 से 6 बजे के बीच चाकघाट नगर परिषद की फायर ब्रिगेड मौके पर पहुँच गई। चाकघाट और चिल्ला के बीच लगभग 15 से 20 किलोमीटर का फर्क है लेकिन एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित नगर परिषद त्योंथर की फायर ब्रिगेड के आला अधिकारी गायब रहे।
एक नज़र
इतनी बड़ी घटना पर आपातकालीन व्यवस्था त्योंथर के अधिकारीयों की लापरवाही और गैर – जिम्मेदाराना हरकत जाहिर सी बात है बेहतरीन प्रशासनिक व्यवस्था का दावा करने वाले विभागों पर काला धब्बा है। त्योंथर की जनता द्वारा नगर परिषद को कई तरह के कर दिए जाते हैं उसके बावजूद आपातकालीन स्थिति में मदद न मिलना कहीं न कहीं भ्र्ष्ट व्यवस्था की ओर इशारा करता है। अब देखना है कि जनता ने जो आरोप लगायें हैं, उन पर कोई कार्यवाई होगी भी या फिर इसे भी जुगाड़ से व्यवस्थित कर दिया जायेगा।