दिव्यांगजनों की पेंसन भूल गई सरकार, दर – दर की ठोंकरें खा रहा परिवार

दिव्यांगजनों को प्रति माह मिलने वाली पेन्शन राशि सही समय पर नही मिलने से दिव्यांगों में भटकाव देखा जा रहा है। प्रदेश के दिव्यांगों को मामूली सी 600 रू. की पेंशन समय पर देने में शासन अक्षम साबित हो रही है, जिससे दिव्यांगजन आर्थिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैंI साथ ही यह दिव्यांग अधिनियम 2016 का खुलेआम उल्लंघन भी है। महीने की शुरुआत में ही पेंशन मिलना चाहिए ताकि दिव्यांग पूरे माह की जरूरत पूरी हो सके। इस भीषण मंहगाई में हर माह मिलने वाली मामूली पेंशन 600 रू. में ही जीवन यापन व बिमारी की हालत में दवाईयों का खर्च भी शामिल हैं। परंतु पूरा माह बीतने को आया लेकिन आज तक पेंशन नहीं मिल सकी जबकि अन्य प्रदेशों में दिव्यांगजनों को 2- से 3 हजार रुपए हर महीने पहले सप्ताह में ही दे दी जाती है। जिम्मेदारों ने बताया कि दिव्यांगजनों को पेंशन देने पर्याप्त बजट नहीं है जबकि प्रदेश के मुखिया अन्य वर्गों को सुविधाएं देने पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं। दिव्यांगों के प्रति यह दुराभाव व उपेक्षित व्यवहार क्यों किया जा रहा है। अगर शासन के पास बजट नहीं है तो भूतपूर्व मंत्रियों, विधायकों को भारी भरकम पेंशन कैसे दी जा रही है। प्रति माह पेन्शन मिलने में बिलम्ब को लेकर विकलांग बल जिला अध्यक्ष मनीष यादव जी ने वरिष्ठ अधिकारियों को दूरभाष पर चर्चा करके कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है तथा पेन्शन में विलम्ब करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की हैI

सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग से फोन पर जानना चाहा तो अधिकारियों ने उक्त मद में बजट का अभाव बताया और आश्वासन दिया कि शीघ्र ही दिव्यांगों को पेन्शन राशि का भुगतान हो जाएगा। मनीष यादव जी ने सख्त लहजे मे सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर किया

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