प्रदेश के गौवंशीय पशुओं में लम्पी रोग का प्रकोप है। यह एक विषाणु जनित संक्रामक रोग है जिसमें पशु के शरीर में गंठानें उभर आती हैं। संक्रमित गौ एवं भैंस वंशीय पशुओं के संपर्क में आने से एवं मक्खी मच्छरों द्वारा पशुओं को काटने से बहुत तेजी से फैलती हैं। पशुपालन विभाग द्वारा लम्पी रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु समस्त गौ एवं भैंस वंशीय पशुओं में टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है। टीकाकरण केवल स्वस्थ पशुओं में ही किया जाना है।
उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. राजेश मिश्रा ने बताया कि जिले में 1.45 लाख पशुओं में टीकाकरण किया जा चुका है। जिले को पर्याप्त मात्रा में टीकाद्रव्य प्राप्त होने वाला है। रोग प्रभावित पशुओं का उपचार पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय अमले के साथ ही 1962 चलित पशु चिकित्सा इकाई द्वारा किया जा रहा है। पशुपालकों से अनुरोध है कि रोग नियंत्रण हेतु अस्वस्थ पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखें, पशु बाडों का विसंक्रमण करें एवं रोग फैलने वाले वेक्टरों की रोकथाम हेतु कीटनाशक का छिड़काव करें। अपने पशुओं का टीकाकरण तथा रोगी पशुओं का उपचार करवाने हेतुं निकटस्थ पशु चिकित्सालय एवं 1962 चलित पशु चिकित्सा इकाई से संपर्क करें।