रामलखन गुप्त, चाकघाट। नगर की उपज मंडी मंडी कार्यालय लापरवाही का केन्द्र बनता जा रहा है जिससे मंडी समित में जहां एक ओर राजस्व आय मैं कमी आ रही है वही कर्मचारियों के मनमाने रवैये एवं अवैध निकासी पर मंडी सचिव द्वारा नियंत्रण नहीं किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार चाकघाट की मंडी जो पहले रामलीला भवान के पास थी उस स्थान पर पर मंडी समिति का कार्यालय एवं टीन शेड बना हुआ है। अब वहां पर मंडी नहीं लगती जबकि वह स्थान अभी भी रिक्त है तथा नागरिकों की भी मांग थी कि यहां पर उप मंडी का संचालन किया जाए। शानन मंडी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा चाकघाट नगर में पुरानी गल्ला मंडी के स्थान पर सप्ताह में 2 दिन हाट बाजार लगाए जाने का निर्देश भी दिया गया है किंतु चाकघाट के वर्तमान मंडी सचिव द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। मंडी सचिव ने दूरभाष पर चर्चा के दौरान बताया की चाकघाट की पुरानी गल्ला मंडी के भूमि स्वामित्व पर अब मध्यप्रदेश शासन का नाम दर्ज हो चुका है इसके लिए मंडी समिति राजस्व न्यायालय के माध्यम से अपनी भूमि के स्वामित्व परिवर्तन हेतु प्रयास कर रही है। मंडी के भारसाधक अधिकारी /प्रशासक त्योथर के एस.डी.एम. की भी इस स्थान पर हाट बाजार मंडी लगाए जाने की सहमति नहीं मिली है।
कृषि उपज मंडी के सचिव के अनुसार एसडीएम त्योंथर की इच्छा न होने के कारण पुरानी गल्ला मंडी में हाट बाजार नही लगाए जा रहा है। जिससे चाकघाट नगर से मंडी समिति को होने वाली आय की क्षति हो रही है। साथ ही चाकघाट की पुरानी गल्ला मंडी में यदि मंडी समिति द्वारा सप्ताह में 2 दिन हाट बाजार लगवाया जाता है तो नगर में व्यापारिक गतिविधियों को विस्तार मिलेगा तथा मंडी समिति में की भूमि पर अतिक्रमण को रोका जा सकेगा लेकिन अतिक्रमण हटाने के नाम पर मंडी समिति मौन साधे हुए है। अप्रत्यक्ष रूप से चाकघाट मंडी समिति अपनी भूमि से अतिक्रमण न हटाकर अतिक्रमण कारियों को बढ़ावा दे रहा है। जिसकी जांच कराकर शीघ्र ही कार्यवाही की जानी चाहिए।