शराब के ठेकेदार अवैध रूप से गांव – गांव में बिकवाते है शराब, पुलिस की मिलीभगत से नहीं होती है कार्यवाही


रामलखन गुप्त, चाकघाट। त्योंथर तहसील के विभिन्न अंचलों में शराब की बिक्री गांव – गांव में हो रही है और यह कार्य शराब के लाइसेंसी ठेकेदारों द्वारा करवाया जा रहा है और इसके लिए पुलिस व आबकारी के लोगों को ठेकेदारों द्वारा माहवारी पैसा दिया जाता है। मिली जानकारी के अनुसार सोहागी, कटरा, चाकघाट,त्योंथर आदि स्थानों के लिए शासन के निर्धारित ठेके जहां शराब की बिक्री होनी चाहिए इसके लिए ठेकेदार जो ठेका लेते हैं वे निर्धारित स्थल के अलावा अपने एजेंटों द्वारा पूरे क्षेत्र के गांवो में शराब की अवैध दुकानें संचालित कराई जाती है। इन शराब की अवैध दुकानों पर पुलिस एवं आबकारी विभाग के लोगों का पूरा संरक्षण रहता है ।इसके लिए ठेकेदार द्वारा पुलिस एवं आबकारी विभाग के लोगों को माहवारी दिया जाता है। यदि ठेकेदार के निर्धारित एजेंट के अलावा अन्य कोई शराब बनाता व बेचता है तो उसे ठेकेदार के माध्यम से पुलिस परेशान करती है और उसी पर कार्यवाही होती है। ठेकेदार द्वारा गांव में एजेंट के माध्यम से जो दुकान चलाई जाती है उस पर पुलिस एवं आबकारी विभाग कभी भी कोई कार्यवाही नहीं करता जिसके चलते अवैध मदिरा की दुकान को रोकने में यहां का आबकारी एवं पुलिस प्रशासन पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। एक प्रकार से देखा जाए तो शराब के मामले में प्रशासनिक आमला ठेकेदार के इशारे पर काम कर रहा है। खास तौर पर सोहागी, कटरा, बिकने वाली मदिरा बड़ागांव,पुरवा, मझिगवां,सहलोलव, एवं पहाड़ के ऊपर बसे गांव व त्योंथर क्षेत्र के अन्य भागों में खुलेआम बेची जाती है जिस पर कार्रवाई न होने से क्षेत्र में अपराध बढ़ रहा है, और नशे की हालत में युवा अनेक बड़े अपराध को अंजाम दे रहा है। जिला प्रशासन एवं आबकारी विभाग सबसे पहले ठेकेदारों को प्रतिबंधित करें कि वह सिर्फ निर्धारित दुकान से ही शराब की बिक्री करेगा। चाकघाट में (राष्ट्रीय राजमार्ग पर) मध्य प्रदेश की सीमा प्रारंभ होते ही शराब की दुकान से स्वागत होता है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर शराब की दुकान का संचालन कितना उचित है, यह शराब दुकान की गाइड लाइन में देखा जा सकता है। इस तरह चंदपुर रोड में जैसे ही मध्य प्रदेश की सीमा समाप्त होती है उत्तर प्रदेश के ठेकेदार जिन्हें देवरा का लाइसेंस मिला है। वह चाकघाट की सीमा से सटकर शराब की दुकान खोले हुए हैं। इन दुकानों का स्थल निरीक्षण करके इनके विरुद्ध भी कार्यवाही होनी चाहिए। ठेकेदारों के सहयोग से गांव गांव में बेची जा रही अवैध शराब की दुकानों पर रोक नहीं लगाई जाएगी तो शराब की नशे में अपराधियों के बुलंद हो रहे होंसले पर लगाम लगाना मुश्किल हो जाएगा। यही कारण है कि इस क्षेत्र में आए दिन कोई न कोई बड़ी वारदात हो रही है।

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