मध्यप्रदेश के सीधी जिले के कुबरी पेशाब कांड से मध्य प्रदेश सरकार की किरकिरी हो रही है। इस मौके का फायदा कांग्रेस पार्टी जमकर उठा रही है। कांग्रेस द्वारा इस घटना को आदिवासी अस्मिता पर चोट बताया जा रहा है। भाजपा पूरे घटना क्रम से हुए डैमेज को कंट्रोल करने में लग गई है। आकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में आदिवासी वोटर्स राज्य की जनसंख्या का तक़रीबन 21 फीसदी हिस्सा हैं। विश्लेषकों की माने तो यह वीडियो आगामी विधानसभा चुनाव में बड़े हथियार के तौर पर दूसरे पार्टियों द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
मध्य प्रदेश के सीधी जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया में आग की तरह वायरल है। जानकारी के मुताबिक वायरल वीडियो में कथित बीजेपी नेता एक आदिवासी युवक पर पेशाब करता दिखाई दे रहा है। सीधी जिले के कुबरी गांव का ये वीडियो ऐसे वक्त पर सामने आया है जब विधानसभा चुनाव को महज कुछ महीने ही बचे हैं। ऐसे में पार्टी आदिवासी वोटर्स को लुभाने की कोशिशों में लगी हुई है, वो आदिवासी वोटर्स जो राज्य की जनसंख्या का 21 फीसदी हिस्सा हैं। सूत्रों की माने तो 36 साल के जिस आदिवासी शख्स पर प्रवेश शुक्ला पेशाब करता दिखा वह कोल समुदाय से आता है। वहां भील और गोंड के के बाद यह आदिवासियों का तीसरा सबसे बड़ा समुदाय है।
प्रशासन द्वारा घटना के आरोपी प्रवेश शुक्ला के घर को बुलडोजर से ने तोड़ दिया गया है। उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई हुई है और उसे जेल भेज दिया गया है। घटना को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासत भी शुरू हो गई है। इसी बीच एक जानकारी तेजी से फ़ैल रही कि प्रवेश शुक्ला का ये वीडियो एक साल से भी ज्यादा पुराना है।
वीडियो एक साल से भी ज्यादा पुराना
जानकरी के मुताबिक एक हिंदी अखबार से बातचीत के दौरान आरोपी के चाचा ने दावा किया है कि यह वीडियो तीन साल पुराना है और कुछ लोग उसे इस वीडियो के जरिए ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे थे। इसके चलते प्रवेश शुक्ला मानसिक रूप से परेशान था। परेशानी की हालत में 29 जून को वह सुसाइड करने की बात कहकर घर से निकला था। घरवालों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी थाने में दर्ज कराई थी। इसके बाद तीन जुलाई को उसका वीडियो वायरल हो गया। मामले में सीधी की एएसपी अंजूलता पटले ने भी कहा है कि वीडियो साल 2020 का है। इसे अब जाकर सोशल मीडिया में वायरल क्यों किया गया है, इसकी पड़ताल की जा रही है। वीडियो को सोशल मीडिया में वायरल करने वाले लोगों से पूछताछ की जा रही है।
मामले में सीएम शिवराज ने किया ट्वीट
मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि जबसे मैंने सीधी की घटना का वीडियो देखा, अंतर्मन अत्यधिक व्याकुल और हृदय पीड़ा से भरा हुआ है। मैं तबसे ही दशमत जी से मिलकर उनका दुःख बांटना चाहता था और यह विश्वास भी दिलाना चाहता था कि उनको न्याय मिलेगा। कल उनसे और उनके परिवार से भोपाल में अपने निवास पर मिलकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करने के साथ परिवार को ढांढस बंधाऊंगा।
फ़िल्मी डायलॉग – सौ मुजरिम छूट जाये लेकिन किसी बेगुनाह को सजा न दी जाये
सीधी पेशाब कांड के आरोपी प्रवेश शुक्ला के पिता रमाकांत शुक्ला के घर को बुलडोजर से ढहा दिया गया। इस दौरान मौके पर पुलिस और प्रशासन की टीम मौजूद रही। बुलडोज़र कार्रवाई के दौरान एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दिखाई दे रहा है कि घर को गिरते देख प्रवेश शुक्ला की मां फूट-फूट कर रो रही है। कुछ महिला सिपाही उनको संभालने की कोशिश कर रही हैं। आरोपी की एक तीन वर्ष की बेटी है और आरोपी अपने पिता का एकलौता बेटा है और उसकी दो बहनें भी हैं।
अब तक चल रही खबरों की माने तो पूरे वारदात में कहीं भी आरोपी का परिवार शामिल नहीं है। एक लोकल न्यूज़ चैनल पर भी कुबरी की जनता बुलडोज़र नीति पर आक्रोश व्यक्त कर रही है। उनका कहना है कि यह घर रमाकांत शुक्ला का है न कि प्रवेश शुक्ला का। आखिर बेटे कि गलती कि सजा माता – पिता समेत पूरे परिवार को क्यों मिल रही है ? जिसने अपराध किया उसे सजा दो मासूमों को परेशान मत करो। सबसे बड़ी समस्या शराब है उसे बंद करो।
एक नज़र
मामले में सरकार की बुलडोज़र कार्यवाई से कुबरी की जनता काफी नाराज़ लग रही। लोगों की प्रवेश के प्रति कोई हमदर्दी नहीं है लेकिन उसके परिवार के साथ हो रही कार्यवाई को सीधे तौर पर अत्याचार बताया जा रहा है। एक तरफ सरकार मामले को लेकर इतनी सख्ती पर उतर आई है कि लाड़ली बहनों को भी घर से बाहर फिंकवा दिया जबकि कल परसों ही गाना गा रहे थे, ” फूलों का तारों का सबका कहना है एक हज़ारों में मेरी बहना है . . .” कुबरी पहुंचे एक लोकल चैनल पर जनता ने खुल कर भाजपा की इस कार्यवाई का विरोध किया है और आगामी चुनाव में वोट न देने कि बात भी कही है।