व्यवस्थाओं पर सवाल : एक नज़र सीएम शिवराज जी के त्योंथर आगमन पर

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चाकघाट। लंबे समय से उपेक्षित त्योंथर की कोलगढ़ी के जीर्णोद्धार का शिलान्यास मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान ने जननायक बिरसा मुंडा के शहादत दिवस पर हेलीकॉप्टर से त्योंथर में आकर किया। इस आयोजन के दौरान देखा गया कि जैसे ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान अपना भाषण देने के लिए मंच पर सामने आए, जोरो से तूफान चलने लगा और भयभीत लोग इधर-उधर भागने के फिराक में थे तभी मुख्यमंत्री जी ने उन्हें सांत्वना दिलाया तो लोग ठहर गए। जो लोग पंडाल से बाहर निकल गए वे तूफान के साथ हुई बरसात में पानी में भीगते हुए भी मुख्यमंत्री जी का भाषण सुनते रहे।

  • क्षेत्र में पहली बार इतना विशाल टैन्ट एवं मंच की व्यवस्था की गई थी। टेंट लगाने वाले कर्मचारियों से जब पूछा गया तब उन्होंने बताया कि रीवा में आए प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम से भी बड़ा यहां से का टेंट एवं मंच बनाया गया है।
  • मुख्यमंत्री जी के भाषण के पहले क्षेत्रीय विधायक श्याम लाल द्विवेदी ने शेरो शायरी के साथ अपना भाषण शुरू किया तो वह इतना लंबा हो गया कि उन्हें तीन बार अपना भाषण संक्षिप्त करने के लिए टोका गया। अंत में वे अपना मांग पत्र पूरी तरह नहीं पढ़ पाए।
  • उद्बोधन के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान मंच पर एक जगह खड़े ना होकर टहलते हुए (रैंप पर ) कॉर्डलेस माइक लेकर भाषण देते रहे।
  • मुख्य अतिथि का चलते हुए भाषण देना यहां के लोगों ने पहली बार देखा। यदि यह कहा जाए कि मुख्यमंत्री जी का भाषण चलते-चलते दिया जा रहा था तो यह कहना गलत ना होगा।
  • प्रशासनिक व्यवस्था भले ही चुस्त-दुरुस्त होने का दावा किया जाता रहा हो किंतु आंधी और पानी के समय एक बार अफरा-तफरी मच ही गई ।संभवत मौसम विभाग की चेतावनी यहां नहीं मिली थी नहीं तो समय से पहले भी कार्यक्रम संपन्न कराया जा सकता था।
  • आंधी में मंच के समीप बना स्वागत द्वार भरभरा कर गिर पड़ा हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ।
  • पत्रकारों के लिए बने दीर्घा में जब पत्रकारों की संख्या कम दिखाई दी तो प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश पर पत्रकार दीर्घा में मुख्यमंत्री जी का भाषण सुनने आए दर्शकों से भर दिया गया। ताकि आगे की कुर्सी भरी दिखाई दे।
  • पूरी प्रशासनिक कार्य योजना में मुख्यमंत्री जी से मिलने और उन से चर्चा करने के लिए पत्रकारों के लिए कोई समय निश्चित नहीं किया गया था।
  • दूर से ही वाहनों के आवागमन के लिए ऐसे चिन्ह या बोर्ड नहीं लगाए गए थे जिस से निर्धारित स्थल तक वाहन पहुंच सके कई वाहनों को पचामा से आगे त्योंथर बस्ती के पहले रोककर पुनः वापस जेल मार्ग की तरफ भेजा गया।
  • वैसे देखा जाए तो यह आदिवासियों का सम्मेलन था किंतु आदिवासियों से ज्यादा शासकीय कर्मचारियों द्वारा लाए गए लोगों की भीड़ थी जिससे पंडाल पूरी तरह भरा रहा।
  • कोलगढी जीर्णोद्धार हेतु भूमि पूजन के समय एवं मंच की तरफ आते समय आदिवासी वाद्य यंत्रों से मुख्यमंत्री जी का स्वागत किया गया।
  • अतिथि के आने के पहले स्थानीय नेताओं को मंच पर भाषण दिलाने की पुरानी प्रथा अब समाप्त होती दिखाई दी बल्कि यहां पर मुख्य अतिथि के आने के पूर्व प्रशासनिक स्तर पर बुलाए गए लोक गायिका के लोक गीत लोगों को सुनने को मिला।
  • मुख्यमंत्री महोदय को दिए जाने वाले ज्ञापन एवं आवेदन पत्रों को रीवा के जिला कलेक्टर महोदया प्रतिभा पाल जी द्वारा ग्रहण किया गया।
  • कार्यक्रम स्थल पर महंगे और व्यवस्थित मंच लगाने का सुखद परिणाम यह रहा आंधी और बरसात में भी कोई व्यवधान नहीं हुआ और लोग धैर्य पूर्वक माननीय शिवराज सिंह जी को सुनते रहे।

विधायक श्यामलाल द्विवेदी द्वारा दिए गए मांग पत्रों को पूरा करने का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की। मुख्यमंत्री महोदय ने चलते चलते ही मंच से भाजपा नेता देवेंद्र सिंह के बिरसा मुंडा मंच द्वारा कोल आदिवासियों के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। (रामलखन गुप्त)

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