गौ तस्करी : आख़िर किसके संरक्षण में फल-फूल रहा यह गौ तस्करी का व्यापार

रीवा जिले के त्योंथर तहसील अंतर्गत सोहागी थाना क्षेत्र के चौरा घाट के आसपास अक्सर मवेशियों का झुण्ड देखा जाता था, लेकिन किसी को भनक तक नहीं थी की यह जखीरा गौ तस्कर जैसे अवैध व्यापर का है। इसीलिए बड़ी ही आसानी से गौ तस्करी में शामिल लोग किसी न किसी बहाने या जुगाड़ से या कुछ स्थानीय लोगों की सह से गौ तस्करी को अंजाम देते आ रहे हैं। और इस बात की तस्दीक आज पकड़े गए व्यक्ति के बयान से स्पष्ट भी हो गई है। जिसने कैमरे के सामने कुछ लोगों के नाम के सहारे खुद को बचाने का प्रयास किया है। इसी क्षेत्र में गौ तस्करी को लेकर पहले भी कई खबरे चल चुकी हैं लेकिन अब तक शासन – प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए हैं।

क्या है मामला
आज सुबह एक खबर ने लोगों के साथ – साथ शासन – प्रशासन के भी कान खड़े कर दिए हैं। जिसमें बताया जा रहा है कि सोहागी थाना क्षेत्र के चौराघाट में विंध्य किसान परिषद और गौ सेवा समिति के स्थानीय सदस्यों ने मिलकर गौ तस्करी को अंजाम देने जा रहे तक़रीबन आधा दर्जन लोगों को रंगे हांथों पकड़ा, जिनके पास काफी बड़ी संख्या में गौ वंशो पाए गए। जब इन लोगों से गौ वंश को लेकर सवाल – जबाब हुआ तो, कोई ठोस जबाब देने में असमर्थ रहे। जिसके बाद लोगों ने कड़ा रुख अपनाया। मामले में विंध्य किसान परिषद के प्रदेश अध्यक्ष एवं गौ सेवक डॉ रोहित तिवारी द्वारा स्थानीय पुलिस प्रशासन एवं वरिष्ठ अधिकारियों से मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार गौ वंशो को एक जगह इकट्ठा कर गुपचुप तरीके से गाड़ियों में भेजने के फ़िराक में थे तस्कर जो गौ रक्षकों के हत्थे चढ़ गए और पूरा खेल बिगड़ गया।

हज़ारों की आबादी एक चौकी के भरोसे
रायपुर – सोनौरी क्षेत्र अपने आप में एक बड़ा नगर या भविष्य का शहर है। जहाँ हज़ारों की संख्या में लोग बसते हैं। साथ ही रायपुर – सोनौरी में बड़ा वन क्षेत्र भी है। जिसकी वजह से ऐसे और भी अवैध व्यापार गुपचुप तरीके से किये जाते होंगे लेकिन शायद किसी को कानों कान खबर तक नहीं होती या फिर कोई डर के मारे बोलना न चाहता हो। अगर लोगों की माने तो इसके पीछे की एक बड़ी वजह रायपुर – सोनौरी क्षेत्र में थाने का न होना हो सकता है क्यूंकि इस क्षेत्र का थाना तक़रीबन 25 – 30 किलोमीटर दूर सोहागी में सोहागी थाना है। जिसको तय करने में अमूमन आधा घंटा या पैंतालीस मिनट तो लग जायेगा। अगर आज के ही मामले में प्रकाश डाला जाये तो जब तक पुलिस मौकाय वारदात में पहुंची तस्करी करने वाले फरार हो चुके थे। सूत्रों की माने तो ऐसा और भी कई मामलों में हो चूका है। इसलिए रायपुर – सोनौरी क्षेत्र में एक थाना स्थापित करना जरुरी है।

क्या कहता है कानून
वनइंडिया में फरवरी 2023 में छपी एक खबर के मुताबिक मध्य प्रदेश कृषि पशु संरक्षण अधिनियम, 1959 के तहत गाय, गाय का बछड़ा, बैल और भैंस के बछड़े की हत्या वर्जित है। इसके अतिरिक्त बैल और सांड़ों की हत्या तभी की जा सकती है, जब मवेशी 15 वर्ष से अधिक उम्र का हो या कृषि कार्य तथा प्रजनन में अयोग्य हो। अगर इस कानून की अवहेलना की जाती है, तो संबंधित व्यक्ति को अधिकतम 3 वर्ष तक की कैद और 5 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है।

एक नज़र
रायपुर – सोनौरी क्षेत्र में गौ तस्करी को लेकर पहले भी खबरों ने ज़ोर पकड़ा था जिसके बाद काफी तक अंकुश लगा था लेकिन एक बार फिर इस वारदात ने पुराने मामलों को हरा कर दिया है। जहाँ एक ओर लोगों द्वारा शासन – प्रशासन को भी इस तस्करी में लपेटा जा रहा है तो वहीँ पुलिस अभी तक चौरा घाट के आसपास फरार तस्करों को ढूढ़ने में लगी हुई है। फ़िलहाल गौ वंशो को आज़ाद कर दिया गया है और अज्ञात आरोपियों पर शिकंजा लगातार कसा जा रहा है। इस मामले में विंध्य अलर्ट की टीम पुलिस के साथ जमीन पर मौजूद है।

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