जलजीवन का भ्रष्टाचार, मामा तेरा शिष्टाचार।। विधायक सांसद बोर करें, घर आंगन के छोर करें।। जैसे नारों के साथ एक बार पुनः जल जीवन जागरण यात्रा के छठे चरण में गंगेव जनपद और सिरमौर तहसील के चौरी ग्राम पंचायत में बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान ग्रामीणों ने प्रदेश और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जल-जीवन मिशन में व्यापक भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। जगह-जगह सड़कें खोदकर कम गहराई में प्लास्टिक पाइप डाल दी गई है जो असफल योजना को जगह-जगह चरितार्थ कर रही है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जिन ग्राम पंचायतों और ग्रामों में जल जीवन मिशन योजना के तहत पाइप डाला जाकर और टंकी बनाया जाकर पानी सप्लाई होना बता रहा है वहां के हाल बेहाल हैं। कागजों पर तो जल जीवन मिशन की योजनाएं संचालित हो रही हैं और लोगों के घर घर नल से पानी भेजा जाना बताया जा रहा है लेकिन मौके पर देखने पर पता चलता है कि ठेकेदार कमीशनखोर अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी प्रमाण पत्र लेकर सरकार को भ्रमित कर दिए हैं और कहीं भी ग्रामीणों को पानी नहीं मिल रहा है। विधायक और सांसद निधियों से कराए जाने वाले नलकूप रसूखदारों के घर आंगन और खेतों में सिंचाई के लिए उपयोग किए जा रहे हैं। विधायक और सांसद निधियों के नलकूपों में कमीशनखोरी का खेल खेला जा रहा है जिसमें दलाल 20 से 25 हजार रुपए लेकर लोगों के खेतों में सरकारी ट्यूबवेल करवा रहे हैं। लेकिन सार्वजनिक स्थलों पर जहां पानी की सख्त आवश्यकता है वहां पानी नहीं पहुंच पा रहा है। शासकीय योजनाओं में भ्रष्टाचार के प्रति आक्रोश और जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी द्वारा जल जीवन जागरण यात्रा का आयोजन किया जा रहा है जो अब चौरी गांव पहुंच चुकी है जहां पर अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के बीच भी पहुंचकर उनकी समस्याओं को समझा गया और शासन के समक्ष प्रस्तुत किया गया। यात्रा के दौरान बुजुर्गों और महिलाओं ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर डिब्बे बाल्टी लेकर प्रदर्शन किया और सरकार की योजनाओं में रहे भ्रष्टाचार के विरुद्ध नारे लगाए। प्रदर्शन के दौरान ग्राम पंचायत चौरी के सरपंच लल्ला प्रसाद आदिवासी, प्रोफेसर ऋषभदेव मिश्रा सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। ( शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक कार्यकर्त्ता )
