धान उपार्जन के बाद गेंहूं उपार्जन को लेकर भी नए दिशा निर्देश जारी किये जा चुके हैं। चूँकि धान उपार्जन में कुछ किसानों के भुगतान में बाधाएं उत्पन्न हुई थी जिसके तहत मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में गेहूँ उपार्जन के बाद किसानों को राशि के भुगतान का कार्य बिना विलंब के किया जाए। किसानों को कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए। उपार्जन केन्द्रों पर आवश्यक बैठक व्यवस्था और पेयजल प्रबंध भी होना चाहिए। उपार्जित गेहूँ की सुरक्षा, तोल काँटे, हम्माल की व्यवस्था, परिवहन कार्य और अनाज को गोदाम तक पहुँचाने का कार्य भी सुचारू रूप से किया जाए। जहाँ ओलावृष्टि से गेहूँ की फसल को क्षति पहुँची है और चमकविहीन गेहूँ उपार्जित हुआ है, उसके लिए किसानों को पूर्ण राशि का भुगतान किया जाए। इस कार्य में जन-प्रतिनिधि भी सहयोग करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज समत्व भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा कलेक्टर्स से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में लाड़ली बहना योजना के लिए आवेदन दर्ज किए जाने के कार्य में जन-प्रतिनिधियों के सहयोग, प्रशासनिक अमले की सक्रियता एवं किए गए परिश्रम के लिए बधाई दी।
एक नज़र
गेंहू उपार्जन में सबसे बड़ी समस्या बढ़ती गर्मी के साथ तप्ती धूप है। जहाँ एक ओर खेतों में अनाज की गहाई चुनौती है तो वहीं दूसरी ओर खेतों से लेकर उपार्जन केंद्र तक पहुंचना भी किसान के लिए आसान नहीं है। अब ऐसे में अगर उपार्जन केन्द्रो में नर्मी नहीं बरती गई तो जाहिर सी बात है जी तोड़ मेहनत के बाद किसान के हाँथ सिर्फ मायूसी ही लगेगी।