मध्य प्रदेश के सागर जिले के देवरी में कौशल वार्ड में दलित महिला के 19 हजार रुपए बकाया वसूलने के नाम पर बुजुर्ग महिला के घर की सामग्री खटिया पलंग आदि कुर्क करने के वीडियो के मामले को लेकर ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने दोषी पाए गए बिजली अधिकारियों के निलंबन की कार्यवाही की है। इस बात को लेकर रीवा संभाग से सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने कहा है कि रीवा संभाग के रीवा सीधी सतना सिंगरौली जिले में भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में गरीबों किसानों और ग्रामीणों को इसी प्रकार बकाया के नाम पर परेशान किया गया है और महीनों बिजली कनेक्शन काट दिया गया, ट्रांसफार्मर नहीं बदले गए जिसकी वजह से फसल के सीजन में किसानों को भारी नुकसान हुआ है। जबलपुर डिस्कॉम के द्वारा अपने ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज पर रोज की कार्यवाहियों को साझा करते हुए बताया गया कि दिनांक 19, 23 और 25 मार्च को सतना मैहर सीधी सिंगरौली जिलों में बकाया के नाम पर वसूली के नाम पर गरीबों की साइकिल पंखे मोटरसाइकिल भैस मवेसी तीन पहिया रोजगार संबंधी टेंपो वाहन और घर की रोजमर्रा के सामान कुर्क किए जाने के फोटो और वीडियो शेयर किए गए हैं। इस पूरे मामले पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा है की ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को स्पष्ट करना चाहिए की यदि बिजली का बिल उनकी सरकार माफ करती है तो फिर आखिर कुछ लोगों के साथ इस प्रकार अत्याचार क्यों किया जा रहा है? जाहिर है चुनाव आते ही सरकार बिजली का बिल माफ कर देगी अथवा उस पर कटौती करेगी इससे काफी लोगों को राहत मिल जाएगी इसी आस को पाले हुए गरीब लोग इंतजार करते रहते हैं कि चुनाव के दौरान सरकार बिजली बिल माफ करेगी इसीलिए वह बिजली का बिल नहीं भरते हैं। आखिर यह आदत बिगाड़ी तो सरकार की ही है। राजनीतिक पार्टियां अपने लाभ के लिए ऐसे हथकंडे अपनाती हैं लेकिन उधर गरीबों पर दबाव भी लगाती हैं जिसकी वजह से उन्हें इस प्रकार प्रताड़ित किया जाता है। आखिर लोगों की गरीबी का इतना बड़ा मजाक क्यों उड़ाया जाता है। शिवानंद द्विवेदी ने प्रद्युम्न सिंह तोमर से मांग की है कि जिस प्रकार सागर के देवरी में बिजली अधिकारियों को उन्होंने निलंबित किया है ठीक वैसे ही रीवा संभाग के रीवा सतना मैहर सिंगरौली सीधी में भी इस प्रकार की गई प्रताड़ना और अत्याचार पर संबंधित डिवीजनल इंजीनियर अधीक्षण अभियंता कनिष्ठ अभियंता सहायक अभियंता सभी के विरुद्ध कार्यवाही करें। ( शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक कार्यकर्त्ता )
