त्योंथर कोलगढी के विकास से होगा आदिवासी संस्कृति का विस्तार- रामलखन गुप्त

चाकघाट। त्योथर अंचल में आदिवासी संस्कृति एवं समृद्धि के प्रतीक माने जाने वाले त्योंथर कोलगढी को पर्यटन की दृष्टि से में विकसित करने की घोषणा पर जिला पुरातत्व संघ के सदस्य एवं ग्रामीण अंचल के वरिष्ठ पत्रकार राम लखन गुप्त ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन एवं मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है। ज्ञातव्य हो कि त्योंथर अंचल प्राचीन समय से ही एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित रहा है और यहां के आदिवासी कोल राजाओं के द्वारा अपनी संस्कृति को बचाए रखते हुए राज्य किया जाता रहा है। कोल राजाओं के द्वारा जो गढी बनाई गई थी वह परिवर्तित काल में लंबे समय से उपेक्षित रही और जीर्ण शीर्ण स्थिति में पहुंच गई थी। जिला पुरातत्व संघ के सदस्य रामलखन गुप्त के द्वारा यह मांग किया जाता रहा है कि इस गढ़ी का पुनरुद्धार किया जाय। मध्य प्रदेश में आदिवासी संस्कृति एवं उनकी समुदाय के वैचारिक मूल्य को बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पूर्व में डभौरा ग्राम के आदिवासी सम्मेलन में त्योंथर कोलगढी को संरक्षित किए जाने की बात कही गई थी। आदीवासी धरोहर को सुरक्षित रखने के अभिनव प्रयास एवं उनकी संस्कृति को सम्मान देने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत त्योंथर कोलगढ़ी को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए जिला पुरातत्व संघ के सदस्य राम लखन गुप्त ने रीवा के जिला कलेक्टर मनोज पुष्प एवं उनके समस्त सहयोगी टीम के प्रति आभार व्यक्त किया है। श्री गुप्त ने विश्वास व्यक्त किया है कि त्योंथर में कोलगढी के विकसित होने पर क्षेत्र में कोल आदिवासी संस्कृति पर आए दिन कुछ न कुछ कार्यक्रम होने लगेंगे और यह अंचल गौरवान्वित होगा कि यहां कभी आदिवासी वनवासी राजाओं ने भी राज्य किया था। (राम लखन गुप्त)

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