कैसे बनी होगी 1100 किलो के कड़ाहे में 5100 किलो खिचड़ी

रीवा के पचमठा आश्रम में महाशिवरात्रि के दिन विशाल भंडारा का आयोजन किया गया। महाप्रसाद के लिए 1100 किलो के कड़ाहे में बनी 5100 किलो खिचड़ी को करीब 51 हजार भक्तों में बांटा गया। जी हाँ ये कारनामा कहीं और नहीं बल्कि रीवा में हुआ है। सबसे बड़ी बात ये है कि देश-दुनिया के सबसे बड़े खिचड़ी महाप्रसाद का कवरेज करने एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम रीवा में मौजूद थी। मैक्सिमम क़्वान्टिटी ऑफ़ खिचड़ी प्रिपेयर्ड एंड सर्वड (Maximum quantity of Khichdi prepared and served) के लिए ” शिव भारत आयोजन एवं जनकल्याण समिति रीवा मध्य प्रदेश ” को ” एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड “ का ख़िताब दिया गया है और इन सब के पीछे कि वजह थी खिचड़ी को राष्ट्रीय भोजन मतलब नेशनल फ़ूड ऑफ़ इंडिया घोसित किया जाय। आयोजन समिति के सचिव प्रतीक मिश्रा द्वारा जानकरी दी गई कि महाशिवरात्रि के अवसर पर 15वीं बार इसका आयोजन किया गया है। पहली बार एक ही कड़ाहे में 5100 किलो खिचड़ी बनाई गई है। इसके पहले का रिकार्ड 3000 किलो का है।

एक नज़र
समिति के सचिव प्रतीक मिश्रा ने मिडिया को बताया कि महाशिवरात्रि पर खिचड़ी का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है। मंदिर परिसर में डोम पंडाल लगाया गया था। जहाँ 1100 किलो ग्राम वाले कड़ाहे के अंदर 5100 किलो ग्राम खिचड़ी बनाई गई है। जिसमें 4000 लीटर पानी, 600 किलो चावल, 300 किलो दाल, 100 किलो देशी घी और 100 किलोग्राम हरी सब्जियां डाली गईं। महाशिवरात्रि के दिन इतनी बड़ी जिम्मेदारी महज़ 21 शिव भक्तों के कंधो पर थी जिनके द्वारा खिचड़ी तैयार की गई थी।

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