रीवा, मप्र। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में दिया जा रहा व्यक्तित्व विकास का प्रशिक्षण
संभागीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था रीवा में एक सप्ताह के व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस क्रम में कोशिश विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। मुख्यवक्ता के रूप में अपना उद्बोधन देते हुए संस्था के प्राचार्य बाल्मीकि शर्मा ने कहा कि यदि शिखर पर पहुंचना चाहते हैं तो कोशिश बंद नहीं करना है। ईश्वर ने आपके शरीर जैसा उपकरण बनाया ही नहीं, आप आम नहीं बहुत खास हैं। आप जीवन में असफल तब होते हैं जब आप कोशिश करना बंद कर देते हैं।
किसी बात को इतना विश्लेषण न करें कि दिमाग को पैरालिसिस हो जाए। नामुमकिन को यदि मुमकिन बनाया है तो एक ही फार्मूला है । कोशिश। जिस दिन आपके संघर्ष को लोग सलाम करने लगे तो समझ लीजिए कि आप कोशिश कर रहे हैं संकल्प लेकर कोशिश करने में सफलता अवश्य मिलती है क्योंकि संकल्प से सिद्धि मिलती है।
श्री शर्मा ने विद्यार्थियों को बताया कि दशरथ मांझी के हाथों के छाले से लेकर नीरज के भाले तक कितने ही उदाहरण हमारे सामने हैं। रीवा की अवनि चतुर्वेदी ने फाइटर प्लेन को उड़ा कर अपने संकल्प शक्ति का लोहा मनवाया है। अरुणिमा सिन्हा ने नकली पैर के सहारे एवरेस्ट की ऊंचाई को नापा है। मिल्खा सिंह दौड़ती ट्रेन के साथ दौड़ने की प्रैक्टिस करते थे और उन्हें फ्लाइंग सिख की उपाधि मिली। तिरंगे का मान बढ़ाया यह सब की गई कोशिश का ही परिणाम है।
अतः कोशिश करना नहीं बंद करना है सफलता अवश्य मिलेगी। प्रशिक्षण का समापन प्रेरक गीत से हुआ। इस अवसर पर संस्था के अधिकारी कर्मचारी भी उपस्थित रहे।