उप संचालक कृषि यूपी बागरी ने किसानों को धान और हाइब्रिाड धान में खाद के संतुलित उपयोग की सलाह दी है। उप संचालक ने कहा है कि सभी किसान अपने खेत की माटी की जाँच करा लें। इससे प्राप्त मृदा स्वास्थ्य कार्ड में खेत की माटी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों और कमी की जानकारी दर्ज रहती है। साथ ही उसमें फसल के अनुसार खाद के संतुलित उपयोग की भी मात्रा लिखी रहती है। उसी के अनुसार खाद का उपयोग करें। अधिक मात्रा में खाद का उपयोग किसान के लिए आर्थिक बोझ होने के साथ-साथ फसल और मिट्टी के लिए भी हानिकारक होता है। धान की सामान्य किस्म के लिए प्रति हेक्टेयर चार बैग चार किलो यूरिया और एक बैग 37 किलो डीएपी का उपयोग करें। इसके विकल्प के रूप में चार बैग 37 किलो यूरिया और पाँच बैग सिंगल सुपर फास्फेट अथवा चार बैग पाँच किलो यूरिया और दो बैग 25 किलो 12:32:16 खाद का उपयोग कर सकते हैं। इसके अन्य विकल्प के रूप में चार बैग तीन किलो यूरिया, तीन बैग सिंगल सुपर फास्फेट और दो बैग 16:16:16 खाद का उपयोग भी किया जा सकता है।
उप संचालक ने बताया कि शंकर अथवा हाइब्रिाड धान के लिए 22 किलो यूरिया एवं दो बैग 9 किलो डीएपी का उपयोग करें। इसके विकल्प के रूप में पाँच बैग 36 किलो यूरिया एवं सात बैग 25 किलो सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग किया जा सकता है। इसके तीसरे विकल्प के रूप में तीन बैग 33 किलो यूरिया तथा तीन बैग 38 किलो 12:32:16 खाद अथवा चार बैग 16 किलो यूरिया, तीन बैग 20:20:0:13 तथा तीन बैग 38 किलो सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग करें। इसके एक अन्य विकल्प के रूप में पाँच बैग 29 किलो यूरिया, तीन बैग् 16:16:16 एवं तीन बैग 25 किलो सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग कर सकते हैं। फसलों में खाद के संतुलित उपयोग से ही अच्छी फसल प्राप्त होगी।