आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार मऊगंज जिला मुख्यालय में 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया गया। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में आपातकाल से जुड़ी लघु फिल्म दिखाई गई। कार्यक्रम में कलेक्टर मऊगंज संजय कुमार जैन ने बताया कि भारत सरकार की अधिसूचना के अनुसार 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में अधिसूचित किया गया है। सरकार के संस्कृति विभाग के निर्देशों के अनुसार 25 जून 2025 से लेकर 25 जून 2026 तक आपातकाल तथा संविधान की हत्या से जुड़े जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। नई दिल्ली में कर्तव्य पथ से जागरूकता के लिए 6 मशालें देश के भ्रमण के लिए रवाना हो रही हैं। सभी राज्यों के प्रमुख शहरों में इनका भ्रमण होगा। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से आमजनता को 1975 में लगाए गए आपातकाल के संबंध में जानकारी दी जाएगी। शिक्षण संस्थाओं में विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से विद्यार्थियों को इस संबंध में जागरूक किया जाएगा।
इस अवसर पर बताया गया कि हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। यह देश की न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के गठन तथा संचालन का आधार है। संविधान के आधार पर ही देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित हुई है। संविधान में आमजनता को विभिन्न तरह की स्वतंत्रता, मौलिक अधिकार और कर्तव्यों का विस्तार से उल्लेख है। आमजनता के मूल अधिकारों की रक्षा संविधान में निहित है। वर्ष 1975 में तत्कालीन सरकार ने नागरिकों के मूल अधिकारों और अभिव्यक्त की आजादी को निलंबित कर दिया था। लाखों निरपराध लोगों पर बिना मुकदमा चलाए जेलों में बंद रखा गया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक दिलीप सोनी, संयुक्त कलेक्टर राजेश मेहता, एसडीएम बीके पाण्डेय, एसडीएम रश्मि चतुर्वेदी सहित कलेक्ट्रेट के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।