जानकारी के मुताबिक वंशमणी सोनी पिता बृजनंदन सोनी ग्राम सोनौरी तहसील त्यौंथर जिला रीवा का निवासी है जो अधिकतर होटलों में दुकानों में काम कर अपना गुजारा चलाता था। वंशमणी देवतालाब के एक होटल में 6 महीने काम करने के बाद पैसा ना मिलने पर होटल छोड़ कर सूरत चला जाता है जिसके बाद मालिक ने कई बार फोन कर कई प्रकार के प्रलोभन दिए और वापस बुलाया। ऐसे ही वो 20 मई को देवतालाब जिला मऊगंज के सुख्खन केशरवानी के होटल में काम करने पहुंचा।चूँकि वो पहले भी इस होटल में काम कर चुका था तो उसे कोई मुश्किल नहीं हुई काम मिलने में और पूरे पांच दिन काम करने के बाद वो होटल के मालिक से पिछला पैसे मांगने लगा। पीड़ित वंशमणि के अनुसार, होटल मालिक पैसे देने से मना किया तो वंशमणि मिन्नते करने लगा। वंशमणि को मालिक ने अपने साथ अपने घर चलने को कहा और घर लेकर गया। तकरीबन 10 बजे रात को मालिक द्वारा वंशमणि को धमकाते हुए उसके साथ मारपीट की गई और उसे छत से नीचे फेक दिया गया। छत से फेंके जाने के बाद वंशमणी बेहोश हो गया।
होस में आने के बाद रोने की आवाज आने पर एक बुजुर्ग ने आरोपी होटल मालिक सुखखन केशरवानी को डाटा इसके बाद आरोपी मालिक और उसका भाई प्रदीप केशरवानी उसे उठा कर घर के अंदर लेकर आए और उसको नहलाया कुछ पुराने कपड़े पहनाए और घर से दूर मोटरसाइकल से लाकर तेंदुआ मोड़ पर हाइवे के किनारे फेक दिया। सुबह होने पर वंशमणी की आवाज सुनकर ग्रामीणों ने पुलिस को बुलाया पीड़ित को संजय गांधी रीवा में एडमिट किया गया परिवार वाले जब लौर थाना एफआईआर करवाने पहुंचे तो पुलिस के उल्टे सीधे सवालों में ही उलझे रहे। आवेदन लेने के बावजूद पुलिस ने एफआईआर नहीं दर्ज किया। पीड़ित के पिता बृजनंदन ने बताया कि आवेदन भी लिखने को पुलिस नहीं तैयार थी। उल्टे सवाल हमसे ही किए जा रहे थे। पुलिस द्वारा पीड़ित से कोरे कागज पर हस्ताक्षर भी लिए गए। पूरे मामले में पीड़ित परिवार के बताए अनुसार पुलिस की गतिविधियां संदिग्ध रही। पीड़ित के पिता ने बताया कि डाक्टरों का कहना है कि मेरे बच्चे की रीढ़ की हड्डी और पाव की हड्डी टूट चुकी है। इसके चलने की संभावना बहुत कम है। परिवार वालों का शासन प्रशासन से ये अनुरोध है कि या तो पीड़ित को न्याय दिलवाया जाए या पीड़ित को इच्छामृत्यु देने की कृपा की जाए। (ब्रह्मानंद त्रिपाठी, बहरैचा)