चाकघाट। संभागीय मुख्यालय रीवा का हवाई अड्डा एक ऐसा हवाई अड्डा है जहां पर यात्रियों एवं वायुयान के संबंध में कोई सूचना समय पर नहीं मिलती। रीवा के हवाई अड्डे का शुभारंभ बड़े ही उत्साह के साथ किया गया था। इसके लिए रीवा के विधायक एवं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री माननीय राजेन्द शुक्ला जी ने अथक परिश्रम किया था। जिससे सारे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ी किंतु हवाई जहाज को लेकर जिस तरह से यहां का हवाई जहाज प्रबंधन लापरवाही बरत रहा है उससे लोगों में असंतोष व्याप्त है। देखा गया है कि इस हवाई अड्डे से जब यात्रा करने वाले यात्री एरोड्रम पर आते हैं तब उसके परिजन भी उसे छोड़ने के लिए आते हैं। तथा आने वाली यात्रियों को रिसीव करने के लिए भी लोग यहां आते हैं,किंतु यात्री के अलावा जो परिजन यहां आते हैं उनको बैठने के लिए यहां कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे यात्री के परिजनों को धूप, वर्षा, य ठंड के दिनो में खुले आकाश के नीचे बाहर ही खड़ा रहना पड़ता है। वहां बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है। और न ही विभाग के लोगों द्वारा कोई पूछताछ काउंटर की व्यवस्था की गई है। जहां से हवाई जहाज आने और जाने के संदर्भ में अथवा अन्य किसी जानकारी को लेकर यहां कोई बताने वाला नहीं रहता। देखा गया है 29 अप्रैल को भोपाल से रीवा आने वाली हवाई जहाज में यात्रा कर रहे यात्रियों के परिजन हवाई जहाज की निर्धारित समय पर हवाई अड्डे पहुंच गए ।उसी समय बरसात होने लगी हल्के ओले भी गिरे। ऐसी अवस्था में वहां यात्रियों के परिजनों के लिए कोई भी छायादार जगह एवं प्रशासन आज की व्यवस्था नहीं दिखी। हवाई जहाज में विलंब हो रहा था इसका कारण बताने के लिए कोई भी व्यक्ति वहां नहीं मिला। जहाज के संबंध में सही जानकारी की कोई घोषणा भी नहीं की गई। रीवा में उतारने वाला हवाई जहाज मौसम की गड़बड़ी से छतरपुर हवाई अड्डे में उतार दिया गया किंतु यहां उनके परिजन भटकते रहे उन्हें सूचना नहीं दी गई की हवाई जहाज अब रीवा न आकर छतरपुर में लैंड कर रहा है। वायुयान विभाग के लापरवाही के चलते तमाम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जहाज में महिलाएं बच्चे वृद्धि एवं रोगी भी आते हैं उनके परिजन उन्हें रिसीव करना चाहते हैं किंतु उनके परिजन यात्री कहां हैं किन परिस्थिति में है उनको लेकर आने वाला हवाई जहाज कहां लैंड कर रहा है इसको सार्वजनिक रूप से नहीं बताया गया। रीवा वायुयान सेवा के क्षेत्र में भारत के नशे से जुड़ा। किस अंचल के लोगों को इसके लिए गर्व महसूस हुआ। सरकार के प्रति लोगों ने आभार भी व्यक्त किया किंतु वायुयान विभाग की ओर लापरवाही और व्यवस्था के चलते लोगों को यातना का शिकार होना पड़ रहा है। वह सर्वथा अनुचित है विमान प्रबंधन से जुड़े लोगों को इस और ध्यान दिया जाना चाहिए की प्रतीक्षालय में यात्री के अलावा परिजनों को भी प्रवेश की अनुमति दी जाए अथवा उनके लिए कोई छायादार स्थान बनाया जाए जहां प्रसाधन पेयजल स्वास्थ्य सुविधा भी उपलब्ध हो सके। हवाई अड्डे की दूरी रीवा शहर से ज्यादा होने के कारण वहां तक कोई टैक्सी सेवा प्रारंभ नहीं हुई है जिनके पास स्वयं का बाहन न हो उन्हें अपने परिजनों को लाने ले जाने में परेशानी हो रही है। उसकी भी व्यवस्था विभाग द्वारा किया जाना चाहिए।
(रामलखन गुप्त)
