मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शासन की उच्च प्राथमिकता की योजनाओं और कार्यक्रम के संबंध में निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम आज जल संरक्षण को अपनायेंगे तभी भावी पीढ़ी का जीवन सुरक्षित होगा। जल संरक्षण की प्राचीन परंपराओं और आधुनिक तकनीक के समन्वय से प्रदेश भर में जल संरक्षण के कार्य करायें। जल गंगा संवर्धन अभियान जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं और आमजनता को जोड़कर इसका प्रभावी क्रियान्वयन करें। अभियान के तहत खेत तालाब निर्माण तथा कुंओं और हैण्डपंपों में रिचार्ज पिट बनाने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है। अभियान के तहत नदियों के उद्गम स्थल तथा पूरातात्विक एवं ऐतिहासिक महात्व के जल स्त्रोतों की साफ सफाई और सुधार का कार्य करायें। जल संरक्षण के कार्यों का व्यापक प्रचार प्रसार करें।
- नदियों के उदगम और ऐतिहासिक जल स्त्रोतों में सफाई और सुधार करायें – मुख्यमंत्री
- नदी जोड़ों अभियान के लिए नदियों का चिन्हांकन करें – मुख्यमंत्री
- नरवाई जलाने वालों पर कड़ी कार्यवाही करें – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदी जोड़ों अभियान के तकनीकी पक्षों को ध्यान में रखकर इसमें शामिल की जाने वाली नदियों का चिन्हांकन करें। हमारे देश में जल स्त्रोतों और जल संरचनाओं के संरक्षण की परंपरा रही है। इससे जुड़े कई त्यौहार मनाये जाते हैं। शिक्षा विभाग और संस्कृति विभाग मिलकर इसके लिए जागरूकता अभियान चलाये। जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत नर्मदा नदी के परिक्रमा पथ और पंचकोशी यात्रा की मैपिंग करायें। सभी कलेक्टर पेयजल की व्यवस्था के सतत निगरानी रखें। हर बसाहट में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करें। हैण्डपंपों के सुधार और नल जल योजनाओं के संचालन की भी निगरानी रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गेंहू उपार्जन केन्द्रों में सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। कलेक्टर तथा अन्य अधिकारी खरीदी केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करें। गिरदावरी तथा अन्य माध्यमों से प्रदेश में उद्यानिकी फसलों के क्षेत्र तथा श्रीअन्न के क्षेत्र का चिन्हांकन करायें। औद्योगिक इकाईयों को भी जल गंगा संवर्धन अभियान से जोड़े इनसें निकलने वाले दूषित पानी को साफ करने के बाद ही जल स्त्रोत में छोड़े। पर्यावरण मानकों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्यवाही करें। नरवाई जलाने की भी घटनाएं लगातार हो रही हैं। कलेक्टर नरवाई जलाने वालों पर कड़ी कार्यवाही करें। नरवाई को उपयोगी बनाने के लिए किसानों को हैप्पी सीडर तथा सुपर सीडर जैसे उपकरणों के उपयोग के लिए प्रेरित करें। गर्मियों में मलेरिया, हैजा तथा लू का प्रकोप होता है। इनसे बचाव के लिए समुचित उपाय करें। खाद्य पदार्थों के फल, सब्जी आदि के नमूने लेकर इनकी खाद्य सुरक्षा अधिकारी नियमित जांच करें। कलेक्टर नियमित रूप से क्षेत्र का भ्रमण और कार्यालयों का निरीक्षण करें। आमजनता के प्रति संवेदनशीलता से व्यवहार करते हुए उनकी समस्याओं का निराकरण करें।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग में बताया गया कि जल गंगा संवर्धन अभियान में अब तक एक लाख 62 हजार जलदूत पंजीकृत किये गये हैं। खेत तालाब बनाने के लिए 50 हजार का लक्ष्य निर्धारित किया गया है अब तक 2687 खेत तालाब तथा 154 अमृत सरोबरों में निर्माण कार्य शुरू हो गया है। मनरेगा योजना से अधूरे 70 हजार से अधिक निर्माण कार्यों में से अब 38 हजार को पूरा करा लिया गया है। नर्मदा पथ और पंचकोशी परिक्रमा की मैपिंग की जा रही है। तालाबों और नदियों से अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जा रहा है। वन विभाग द्वारा 78 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 4 करोड़ 50 लाख पौधे रोपित करने के लिए तैयारी की जा रही है। वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जल गंगा संवर्धन अभियान से जुड़े 12 विभागों द्वारा अब तक की गयी कार्यवाही की जानकारी दी गयी। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन सहित सभी प्रमुख सचिव बैठक में शामिल रहे। कलेक्ट्रेट के एनआईसी केन्द्र से कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल, अपर कमिश्नर श्रीमती नीतू माथूर, वन मण्डाधिकारी, संयुक्त कलेक्टर श्रेयस गोखले तथा अन्य अधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग में शामिल रहे।