उद्गम ऊर्जा देता है और संगम जीवन प्रदान करता है – प्रहलाद सिंह पटेल

प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि किसी भी उद्गम से हम सबको ऊर्जा मिलती है वहीं संगम जीवन का प्रतीक है चाहे वह मानव, नदियां या वृ़क्षो का संगम हो। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल सतना जिले के मझगवां विकासखण्ड में ग्राम भटवां के ब्रम्ह कुण्ड और नागौद विकासखण्ड के झिगोंदर में जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत प्रमुख नदियों के उद्गम स्थल पर पूजन और जन संवाद कर रहे थे। झिगोंदर के इस कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी भी उनके साथ उपस्थित रही।

प्रदेशव्यापी जल गंगा संवर्धन_अभियान के तहत पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने चित्रकूट क्षेत्र की मां मंदाकिनी पैश्वनी नदी के उद्गम स्थल भटवां ग्राम पंचायत के ब्रम्ह कुण्ड आश्रम और राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी के साथ नागौद विकासखण्ड के ग्राम पंचायत झिगोदर में अमरन नदी के उद्गम स्थल की पहाडी पर पूजन किया और जन चर्चा कार्यक्रम में शामिल हुए। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान इस बार तीन महीने तक आयोजित किया जा रहा है। यह अभियान जनता के सरोकार का कार्यक्रम और जन आंदोलन है। उन्होंने कहा कि जो नदियां पीढियों से हमारे पुरखों के समय से हम सबको जीवन दे रही है। उनके प्रति भी हमारी जिम्मेदारी निभाने का एक अवसर है। जल स्त्रोत और पानी की धारा में कमी आना प्रकृति और भविष्य के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि नदियों का उद्गम ऊर्जा देता है और इन स्थलों की पवित्रता और स्त्रोत का सामर्थ बना रहे यह प्रयास हम सबको करना चाहिए। नदियों के उद्गम का पूजन करने के साथ ही पानी को इकट्ठा करने वाले पौधे भी लगाने आवश्यक है ताकि स्त्रोत बचा रहे। उन्होंने कहा कि यदि आपकी पंचायत में पानी का एक भी प्राकृतिक स्त्रोत है तो यह भाग्यशाली होने का प्रतीक है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि वृक्षारोपण में पौधे लगाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसे संरक्षित कर पेड का रूप भी दिया जाना जरूरी है। विभाग ने निर्णय लिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिना फैसिंग या सुरक्षा बाड के वगैर पौधे नहीं लगाये जायेंगे। आगामी 30 मई तक पौधे लगाने के स्थान और शासकीय भूमि को चिन्हित कर सुरक्षा बाड और फैंसिंग का कार्य किया जायेगा। पर्याप्त बरसात होने के बाद ही पौधे की सिंचाई की उपलब्धता के अनुसार वहां पौधे लगाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि जब पौधों को सुरक्षित पनपने की गारंटी हो तभी पौधा लगाना चाहिए। तीन साल यदि पौधे की सुरक्षा कर दी जाये तो उसमें पेड बनने की क्षमता अपने आप उत्पन्न हो जाती है। राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने कहा कि जल और वृक्षों से ही जीवन है। नदियों के उद्गम को बनाये रखने के लिए सघन वृक्षारोपण किया जाना आवश्यक है ताकि नदी को सदा नीरा बनाये रखने जल स्त्रोत सुरक्षित रहे। इसके पहले पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल और राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने झिगोंदर की पहाडी पर लगभग डेढ किलोमीटर पैदल चलकर अमरन नदी के स्त्रोत तक पहुंचे और उद्गम स्थल पर विधिवत पूजा अर्चना की।

इस मौके पर विधायक चित्रकूट श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रामखेलावन कोल, जनपद अध्यक्ष मझगवां श्रीमती रेणुका जायसवाल, जिलाध्यक्ष श्री भगवती प्रसाद पाण्डेय, श्री अनिल जायसवाल, श्री विजय तिवारी, श्री मनसुख पटेल, सीईओ जिला पंचायत सुश्री संजना जैन, एसडीएम श्री एपी द्विवेदी, श्री जितेन्द्र वर्मा, सीईओ जनपद सुलभ सिंह, अशोक द्विवेदी, कार्यपालन यंत्री आरईएस सीएल साकेत, प्रधानमंत्री सडक योजना के महाप्रबंधक गणेश मिश्रा सहित पंचायत प्रतिनिधि एवं बडी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे।
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