जल गंगा संवर्धन अभियान 20 मार्च से आरंभ हो गया है। अभियान में विभिन्न विभागों के साथ-साथ जल संसाधन विभाग भी बढ़चढ़ कर योगदान दे रहा है। अभियान के तहत मऊगंज जिले में 20 प्रमुख सिंचाई नहरों की साफ-सफाई का कार्य 30 जून तक कराया जाएगा। इस संबंध में अधीक्षण यंत्री ने बताया कि नहरों की साफ-सफाई तथा सुधार के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। कार्ययोजना में 21 नहरों की साफ-सफाई का कार्य शामिल किया गया है। मऊगंज जिले में गोरमा मध्यम सिंचाई परियोजना, मदरावल लघु सिंचाई परियोजना, पीताम्बर गढ़ लघु सिंचाई परियोजना तथा गोबरदहा लघु सिंचाई परियोजना की नहरों की साफ-सफाई एवं सुधार कार्य के लिए तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है।
अधीक्षण यंत्री ने बताया कि मऊगंज जिले में देवरी लघु सिंचाई परियोजना, नैया सिंचाई परियोजना, जुड़ा सिंचाई परियोजना, पतनारी सिंचाई परियोजना, बमरहा लघु सिंचाई परियोजना, अटारी लघु सिंचाई परियोजना, मऊगंज लघु सिंचाई परियोजना तथा रामसागर लघु सिंचाई परियोजना की नहरों में भी सुधार कार्य कराया जाएगा। बेलहा लघु सिंचाई परियोजना, छुहिया सिंचाई परियोजना, कनैहा सिंचाई परियोजना, पड़ार सिंचाई परियोजना, नंदनपुर लघु सिंचाई परियोजना, रकरी लघु सिंचाई परियोजना, कदुआवान लघु सिंचाई परियोजना, पिपरछता लघु सिंचाई परियोजना तथा लालगंज सिंचाई परियोजना के बांधों से घास एवं गाद हटाने का कार्य किया जाएगा। जल संवर्धन अभियान के तहत सभी सिंचाई बांधों और नहरों में सुधार कार्य, एप्रोच चैनल से गाद हटाने तथा घास एवं खरपतवार की साफ-सफाई कराई जाएगी। इन कार्यों से पानी की बचत होने के साथ-साथ अधिक क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा। बांधों की साफ-सफाई तथा गाद निकालने से उनकी जल संग्रहण क्षमता में वृद्धि होगी। जल गंगा संवर्धन अभियान से नहरों और छोटे बांधों को नया जीवन मिलेगा।