पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा प्रदेश की मूल गोवंशीय नस्ल एवं भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारू गायों को पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ राजेश मिश्रा ने बताया कि जिन पशुपालकों के पास भारतीय नस्ल की गिरि, साहीवाल, थारपारकर एवं हरियाणा आदि नस्ल की गाय हों तथा उनका दुग्ध उत्पादन प्रति दिवस 6 लीटर से अधिक हो वह अपने पशु का पंजीयन दो अप्रैल से चार अप्रैल तक विकासखण्ड स्तर अथवा निकटतम पशु चिकित्सालय में करा सकते हैं। अधिकतम दुग्ध उत्पादन वाले प्रथम 10 गौवंशों का सुबह-शाम एवं दूसरे दिन कुल तीन समय दुग्ध क्षमता का आकलन विभाग के अधिकारियों द्वारा पशु मालिक के घर जाकर सूचीबद्ध किया जाएगा। इस प्रकार जिले के प्रत्येक विकासखण्ड से प्राप्त सूची में से अधिकतम दूध उत्पादन वाले प्रथम तीन गौवंश के पशुपालकों के नाम राज्य स्तर पर प्रेषित किए जाएंगे। राज्य स्तर पर 13 अप्रैल को विभागीय मंत्री द्वारा अधिकतम दुग्ध उत्पादन वाले तीन पशुपालकों को पुरस्कृत किया जाएगा। उप संचालक ने जिले के पशुपालकों से निर्धारित समयावधि में मापदण्ड वाले गौवंशीय पशुओं का पंजीयन कराने की अपेक्षा की है।
