मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर में कमी के लिये समन्विय प्रयास आवश्यक – उप मुख्यमंत्री

उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिये स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग को समन्वित प्रयास करना होगा। ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य कार्यकर्ताएँ व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत पंजीयन करें तथा प्रतिमाह उन्हें चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाय। उप मुख्यमंत्री ने संभाग स्तरीय बैठक में स्वास्थ्य सूचकांक के अनुपात में रीवा संभाग में एएनसी पंजीयन व संस्थागत प्रसव सहित स्वास्थ्य सुविधाओं की विस्तार से समीक्षा की।

कमिश्नर कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में उप मुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि हमारे प्रदेश की मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर में देश में स्थिति ठीक नहीं है इसमें बहुत अधिक सुधार की आवश्यकता है। इसलिए आवश्यक है कि स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला पूरी संवेदनशीलता के साथ घर-घर जाकर गर्भवती माताओं का शत-प्रतिशत पंजीयन करते हुए उन्हें प्रतिमाह व तिमाही में मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाएँ दें तथा उनकी जांच कराये ताकि वह महिलाएँ हाईरिस्क में न जा पाये। उन्होंने कहा कि हाईरिस्क में यदि गर्भवती महिला पहुंचती है तो उसको समय समय पर उपचार दिया जाय। तदुपरांत उसका संस्थागत प्रसव कराकर सुरक्षित किया जाय।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के अनेक कार्य संचालित हैं। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में अस्पताल भवनों के निर्माण के साथ ही पर्याप्त दवाइयों की उपलब्धता, डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति के कार्य प्राथमिकता से किये जा रहे हैं। जरूरत इस बात की है कि मैदानी अमला पूरी निष्ठा से कार्य करें तथा जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी गंभीरता से मानीटरिंग करें व क्षेत्र का नियमित भ्रमण करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत प्रतिमाह की 9 एवं 25 तारीख को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की मानीटरिंग की जाय ताकि इसका अधिक से अधिक आउटपुट निकले। उप मुख्यमंत्री ने अपेक्षा की कि गर्भवती महिलाओं के परिजनों को भी उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिये जागरूक किया जाय जिससे जच्चा व बच्चा स्वस्थ्य रहे।

उप मुख्यमंत्री ने बैठक में कलेक्टर्स से अपेक्षा की कि वह क्षेत्र का भ्रमण कर स्वास्थ्य सुविधाओं की मानीटरिंग करें। क्लस्टर स्तर पर बैठकें आयोजित कर आने वाली कमियों को समन्वय व मानीटरिंग कर दूर करने का प्रयास करें। उन्होंने रीवा संभाग का व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रगति की नियमित जानकारी शेयर करने के भी निर्देश दिये। उप मुख्यमंत्री ने अपेक्षा की कि रीवा संभाग में समन्वित प्रयासों से शिशु मृत्यु दर व मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में सफलता मिलेगी और इसकी लिये प्रतिमाह रिव्यू बैठक की जायेगी।

रीवा संभाग के कमिश्नर श्री बीएस जामोद ने कहा कि क्लस्टर स्तर पर बैठकें कर स्वास्थ्य सुविधाओं की नियमित मानीटरिंग की जायेगी साथ ही मैदानी अमला पूरी तरह अपने कार्य में मुस्तैद रहे यह प्रयास पूर्णत: होंगे। हाईरिस्क में गर्भवती महिला न पहुंचे इसलिए उसका शत प्रतिशत पंजीयन कराकर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि संभाग में हर स्तर पर समुचित ढंग से मानीटरिंग कर शिशु मृत्यु दर व मातृ मृत्यु दर में कमी लायी जायेगी। बैठक में कलेक्टर सतना डॉ. सतीश कुमार एसजी ने अपने सुझाव दिये। इस दौरान कलेक्टर मऊगंज अजय श्रीवास्तव, कलेक्टर मैहर रानी वाटड, सीईओ जिला पंचायत रीवा एवं सीधी उपस्थित रहे। कलेक्टर सिंगरौली व्हीसी के माध्यम से बैठक में जुड़े। इस दौरान स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के रीवा संभाग के जिलों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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