साइबर अपराधों से बचने के लिए मोबाइल का सावधानी से उपयोग करें – कलेक्टर

कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में साइबर अपराध रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कहा कि हर व्यक्ति मोबाइल फोन का उपयोग कर रहा है। एक-दूसरे से संपर्क के साथ-साथ मोबाइल बैंकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग, गेमिंग तथा अन्य कई कार्यों में मोबाइल का उपयोग हो रहा है। साइबर अपराधों से बचने के लिए मोबाइल का सावधानी से उपयोग करें। अनजाने नम्बरों से आने वाले फोन काल से सावधान रहें। किसी भी तरह के लालच या दबाव में आकर कोई भी वेबसाइट अथवा लिंक डाउनलोड न करें। सोशल मीडिया का उपयोग करते समय सेफ्टी फीचर ध्यान रखें। हाल ही में सीधी में एक व्यक्ति से एक करोड़ रुपए तथा रीवा में 50 लाख रुपए की साइबर ठगी हो चुकी है। स्वयं सावधानी बरतें तथा अन्य व्यक्तियों को भी साइबर अपराधों से बचने के लिए जागरूक करें।

कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेकलाल ने बताया कि पुलिस महानिदेशक के निर्देश के अनुसार विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में एक फरवरी से 11 फरवरी तक सेफ क्लिक अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत प्रत्येक थाने तथा शिक्षण संस्थाओं में साइबर अपराध से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। साइबर अपराध इस समय बहुत बड़ी चुनौती है। साइबर अपराधियों का नेटवर्क बहुत बड़ा है। इनमें से अधिकतर नेटवर्क विदेशों से संचालित हैं। राजस्थान और बिहार से भी कई साइबर अपराधियों के गिरोह लगातार सक्रिय हैं। कार्यक्रम में पुलिस साइबर सेल के श्री पटेल ने बताया कि साइबर अपराध लालच में आने और भय से होते हैं। डिजिटल अरेस्ट जैसे मामले भी साइबर अपराध ही हैं। साइबर अपराध से बचने के लिए काम खत्म होने के बाद मोबाइल का इंटरनेट बंद कर दें। रात में भी इंटरनेट बंद रखें। मोबाइल फोन में कोई भी महत्वपूर्ण व्यक्तिगत जानकारी जैसे आधार कार्ड, पैनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस नम्बर, जन्मतिथि, बैंक खाता नम्बर आदि न रखें। फर्जी वेबसाइट और लिंक के माध्यम से हैकर्स आपकी जानकारी आसानी से प्राप्त कर लेते हैं। इसके बाद आपको साइबर क्राइम का शिकार बनाते हैं।

कार्यक्रम में बताया गया कि सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक अथवा अन्य प्लेटफार्म का उपयोग करते समय सुरक्षा के उपाय करें। अपनी प्रोफाइल ओपन न रखें। व्हाट्सएप में ऑटो डाउनलोड आप्शन बंद कर दें। जिस मैसेज की आवश्यकता हो उसे ही डाउनलोड करें। व्हाट्सएप स्टेटस में ओनली कॉन्टैक्ट आप्शन रखें। सिम लेते समय केवल एक बार ही अंगूठा लगाएं। सिम बेचने वाले कई बार एक से अधिक बार अंगूठा लगवाकर एक सिम आपको देंगे तथा आपके दस्तावेजों के आधार पर दूसरी सिम का फर्जी रूप से उपयोग करेंगे। फर्जी सिम का नेटवर्क कंबोडिया से संचालित हो रहा है। कुछ दिनों पहले रीवा में ही जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी जारी करने की वेबसाइट पकड़ी गई थी। इसे उत्तरप्रदेश से संचालित किया जा रहा था। साइबर अपराधों के संबंध में हेल्पलाइन नम्बर 1930 से भी सहायता ली जा सकती है। पुलिस कंट्रोल रूम रीवा की साइबर सेल भी आपको साइबर अपराध से बचाने में सहयोग करेगी। कार्यक्रम में आयुक्त नगर निगम डॉ सौरभ सोनवणे, अपर कलेक्टर श्रीमती सपना त्रिपाठी, सभी एसडीएम, संयुक्त कलेक्टर पीके पाण्डेय तथा सभी अधिकारी उपस्थित रहे।

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