नवाचार तथा मैदानी कर्मचारियों की क्षमतावृद्धि पर ध्यान केन्द्रित करें – लोक निर्माण मंत्री

लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की संभाग स्तर पर प्रशिक्षण कार्यशाला का समदड़िया गोल्ड में गत दिवस आयोजन किया गया। कार्यशाला का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ करते हुए लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के सभी इंजीनियरों को आधुनिक निर्माण तकनीकों का ज्ञान होना आवश्यक है। आधुनिक तकनीक का उपयोग करके निर्माण कार्य कराने पर गुणवत्ता में वृद्धि होने के साथ लागत में कमी आएगी। लोक निर्माण विभाग के सभी चीफ इंजीनियर निर्माण कार्यों में नवाचार तथा मैदानी कर्मचारियों की क्षमता वृद्धि पर ध्यान केन्द्रित करें। वर्तमान समय में टेक्नॉलाजी तेजी से विकसित हो रही है। सभी इंजीनियर नई तकनीकों को अपनाकर उसका निर्माण कार्यों में उपयोग करें। निर्माण कार्यों में नवाचार और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें।

लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि लोक निर्माण से लोक कल्याण तक का कार्य इंजीनियरों के माध्यम से ही संभव हो सकता है। लोक निर्माण विभाग अपने गठन से लेकर अब तक प्रदेश के अधोसंरचना विकास में महत्वपूर्ण योगदान लगातार दे रहा है। विभाग द्वारा निर्मित संरचनाएं न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उपयोगी साबित होंगी। सभी इंजीनियर लोक कल्याण की भावना को ध्यान में रखकर निर्माण कार्य करें। विकसित मध्यप्रदेश का सपना पूरा करने में लोक निर्माण विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण है। प्रदेश भर में संभाग स्तर पर आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यशाला से इंजीनियरों को नवीन तकनीक के साथ-साथ नई ऊर्जा से कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी।

प्रशिक्षण कार्यशाला में मुख्य अभियंता संजय खाण्डे ने प्रजेंटेशन के माध्यम से निर्माण की नवीनतम तकनीकों व्हाइट टापिंग तकनीक, फुल डेप्थ रिक्लमेशन तकनीक तथा अल्ट्रा हाई परफार्मेंस कांक्रीट तकनीक से सड़कों के निर्माण की जानकारी दी। सड़क निर्माण में प्लास्टिक वेस्ट के उपयोग से पर्यावरण संरक्षण की भी जानकारी दी गई। कार्यशाला में नमी वाले क्षेत्रों में माइक्रो सरफेशिंग तकनीक से सड़कों की ऊपरी परत को चिकना और मजबूत बनाने तथा जियोग्रिड और ग्लासरिड तकनीक से कमजोर मिट्टी वाले स्थानों में मजबूत सड़क निर्माण की जानकारी दी गई। कार्यशाला में पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से सड़क निर्माण के लिए पेड़ों के स्थानांतरण तकनीक की विस्तार से जानकारी दी गई। इसके उपयोग से निर्माण कार्यों के लिए पेड़ों को काटना नहीं पड़ेगा। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ विक्रांत तोमर के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग नीड असेसमेंट सत्र का आयोजन किया गया। इसमें इंजीनियरों के प्रश्नों और शंकाओं का समाधान किया गया। कार्यशाला में संभाग के सभी जिलों के लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री तथा उपयंत्री शामिल हुए।

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