सीईओ जिला पंचायत रीवा की पदस्थापना को लेकर दर्जनों जिला पंचायत सदस्य एवं सामाजिक आरटीआई कार्यकर्ताओं का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जिला पंचायत परिसर में अनवरत जारी है। 5 डिग्री सेल्सियस की हाड़ गलाने वाली ठंड में भी सदस्य लालमणि त्रिपाठी सहित अनशनकारी आंदोलन स्थल जिला पंचायत परिसर रीवा में रात भर डटे रहे। जानकारी अनुसार दिनांक 20 दिसंबर शुक्रवार शाम करीब साढ़े पांच बजे कमिश्नर के प्रतिनिधि बनकर संयुक्त कलेक्टर पीके पांडे मौके पर पहुंचे और मामला शांत करने का प्रयास किया लेकिन उनके पास कोई सार्थक समाधान न होने से धरना बंद नहीं किया जा सका।
धरना स्थल पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ताओं और जिला पंचायत सदस्यों ने बताया की सरकार महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों के साथ खिलवाड़ कर रही है। सीधे पदों को समाप्त करने के स्थान पर उन्हें प्रभार में रखकर अथवा खाली छोड़कर कमजोर किया जा रहा है। बताया गया कि रीवा और मऊगंज जिला मिलाकर 820 ग्राम पंचायतें जिला सीईओ विहीन होने से पंचायतों जनपदों एवं जिला पंचायत में अराजकता का माहौल बना हुआ है। कोई किसी की समस्या सुनने को तैयार नहीं। फाईलों का डंप लगा हुआ है उनमें सीईओ के हस्ताक्षर तक नहीं हो पा रहे हैं। आंदोलनकारियों ने सरकार से माग की है की जल्द से जल्द सक्षम जिला सीईओ नियुक्त किए जाएं जिससे आम जनमानस से जुड़े ग्रामीण विकास कार्यों की ठीक ढंग से निगरानी हो सके और आम ग्रामीणों की समस्याओं का निपटारा किया जा सके।
दिनांक 21 दिसंबर को धरने में शामिल होने वाले गणमान्य नागरिकों में जिला पंचायत सदस्य लालमणि त्रिपाठी, नगर निगम पार्षद नंबर 13 श्रीमती नम्रता सिंह, सामाजिक आरटीआई कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी एवं संजय सिंह, जिला सदस्य सुंदरियां आदिवासी, बृजेश कोरी, योगेंद्र सिंह, ममता राजा कुशवाहा, पुष्पा राकेश सिंह, पद्मेश गौतम, श्रीमती गुलबसिया वर्मा, प्रमोद कुमार जैशवाल, देवेन्द्र शुक्ला, लालजी पांडेय, समाजसेवी प्रभात कुशवाहा, समाजसेवी विश्वनाथ चोंटीवाला, किसान नेता इंद्रजीत शंखू एवं महेंद्र पांडेय, अनिल उपकारी, किसान नेता सुब्रत मणि त्रिपाठी सहित सैकड़ों व्यक्ति सम्मिलित रहे।