बड़ी खबर : भ्रष्टाचार और योजनाओं में धांधली को लेकर अनशन जारी

देश में पंचायतीराज व्यवस्था लाने के पीछे का उद्देश्य था कि सुदूर ग्रामों में बसे हुए सबसे निचले कतार में खड़े नागरिकों को शासन की योजनाओं सड़क, बिजली, पानी, पेंशन, राशन, आवास, शौचालय सहित समय समय पर आने वाली शासन की अन्य योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा। विधायक निधि सांसद निधि वित्त आयोगों और नरेगा योजना की अरबों खरबों की राशि सरकार आम नागरिकों के विकास के लिए खर्च करने का दावा करती है। लेकिन दावा और हकीकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की जहां मनरेगा योजना के कार्य मजदूरों के स्थान पर मशीनों से करवाए जाते हैं फर्जी NMMS की फोटो अपलोड की जाती हैं वहीं विधायक सांसद निधियों की राशियों का उपयोग विधायकों और सांसदों के विकास और जेब भरने में उपयोग हो रही हैं। वित्त आयोगों की हजारों करोड़ों रुपए की राशियों का उपयोग पंचायतें और जनपद जिला के अधिकारी पदाधिकारी अपने व्यक्तिगत हित साधने में लगा रहे हैं। कागजों पर तो विकास कायों की भरमार लगी है लेकिन मौके हकीकत कुछ और बयान करती हैं।

  • जिला पंचायत सीईओ की पूर्णकालिक पदस्थापना को लेकर दूसरे दिन भी आमरण अनशन जारी 
  • ग्राम पंचायतों जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायत में भ्रष्टाचार और योजनाओं में धांधली को लेकर अनशन जारी
  • लालमणि त्रिपाठी सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी सहित दर्जन भर जिला पंचायत सदस्य जिला पंचायत परिसर में ही धरने पर बैठे

इन्ही जनहितैषी मुद्दों को लेकर जिला पंचायत रीवा में मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पूर्णकालिक पदस्थापना सहित भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर दिनांक 19 दिसंबर 2024 से अनवरत धरना अनशन जिला पंचायत परिसर में जारी है। गौरतलब है की अनशन के विषय में विज्ञप्ति 16 दिसंबर को ही जिला पंचायत सदस्य लालमणि त्रिपाठी एवं सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी सहित अन्य नागरिकों द्वारा कमिश्नर रीवा संभाग जिला कलेक्टर रीवा एसपी रीवा एवं सीईओ जिला पंचायत रीवा को दिया जाकर मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन एवं चीफ सेक्रेटरी सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग को ईमेल आदि ट्विटर फेसबुक आदि के माध्यम से भेजे गए थे। मामले का समय पर निराकरण न होने से आधा दर्जन जिला पंचायत सदस्यों एवं सामाजिक आरटीआई कार्यकर्ता सहित लोग जिला पंचायत परिसर में ही दिनांक 19 दिसम्बर को धरने पर बैठ गए जो निरंतर आज दूसरे दिन भी जारी है। धरने में भीषण हाड़ गला देने वाली ठंड में प्रदर्शनकारी रात में भी जिला पंचायत परिसर में डटे रहे। धरने के पहले दिन 19 की रात लगभग साढ़े 6 बजे प्रभारी सीईओ जिला पंचायत रीवा सपना त्रिपाठी आईं और धरने पर बैठे जिला पंचायत सदस्यों को मनाने का प्रयास किया लेकिन उनके पास कोई सार्थक निराकरण न होने से बात नहीं बन सकी। जिला पंचायत सदस्य लालमणि त्रिपाठी ने बताया की वह धरने से तब तक नहीं उठेंगे जब तक कमिश्नर रीवा संभाग स्वयं आकर समस्या का निराकरण नहीं करते और सरकार तक उनकी मांगे नहीं पहुंचाते।

देखा जाए तो पिछले 6 माह से अधिक समय से सीईओ जिला पंचायत का कामकाज ठप्प पड़ा हुआ है। प्रभारी सीईओ जिला पंचायत सपना त्रिपाठी अपने मूल पद एडीएम का ही कामकाज सही ढंग से नहीं देख पा रही हैं तो भला इनसे जिला पंचायत के कार्यों को ठीक ठाक ढंग से करने की कौन उम्मीद करे। कोई जिम्मेदार मुखिया न होने से हाल यह हैं की जिला पंचायत सहित जनपद पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों में अराजकता का माहौल बन गया है। भ्रष्टाचार की समस्या व्यापक स्तर पर हैं और आम जनता की तो बात छोड़ दें यहां तो जन प्रतिनिधियों के यह हालात हैं की उनकी तक सुनवाई नहीं हो पा रही है।

फिलहाल अब देखना यह होगा आज धरने के दूसरे दिन क्या कुछ समाधान निकल पाता है। धरने में जो लोग मौजूद रहे उनमें जिला पंचायत के लगभग आधा दर्जन सदस्य लालमणि त्रिपाठी, बृजेश कोरी, सुंदरियां आदिवासी, योगेंद्र सिंह, ममता राजा कुशवाहा, पुष्पा राकेश सिंह के साथ सामाजिक आरटीआई एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी एवं गया प्रसाद मिश्रा, कमलेश तिवारी, संयुक्त किसान मोर्चा से शिव सिंह, अनिल उपकारी आदि नागरिक गण मौजूद रहे।

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