कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल की अध्यक्षता में जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए कलेक्टर ने निर्देश दिए कि बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम के लिए गठित टीम शहर का भ्रमण करे तथा बाल भिक्षावृत्ति करवाने वाले अभिभावकों को समझाइश देकर इसको पूर्णत: रोके। कलेक्टर ने बाल सम्प्रेषण गृह में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा नियमित तौर पर चिकित्सक की उपस्थिति के निर्देश दिए।
कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने कहा कि बाल सम्प्रेषण गृह में बच्चों को आईटीआई के माध्यम से प्रशिक्षण देने के लिए आवश्यक टूलकिट व अन्य प्रशिक्षण सामग्री उपलब्ध कराएं ताकि बच्चों को कौशल प्रशिक्षण दिलाया जा सके। उन्होंने बाल संप्रेषण गृह में खेल गतिविधियों के संचालन के भी निर्देश दिए। बैठक में बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष डॉ मीनाक्षी मिश्रा ने सुझाव दिया कि प्रत्येक थाने में पुलिस बाल कल्याण अधिकारी नामांकित रहें। इस अवसर पर सहायक संचालक आशीष द्विवेदी ने बताया कि स्पांशरशिप में 10 बच्चों को लिया गया है तथा हरि बाल गृह में वर्तमान समय में 9 बच्चे निवासरत हैं तथा बाल कल्याण समिति के समक्ष 15 प्रकरण लंबित है। कलेक्टर ने लंबित प्रकरणों के निराकरण को प्राथमिकता देने की बात कही। बाल संरक्षण हेतु विभागीय समन्वय के संबंध में आयोजित बैठक में एडिशनल एसपी अनिल सोनकर, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास प्रतिभा पाण्डेय, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय अनिल दुबे सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।