मामला जनपद पंचायत त्यौंथर की ग्राम पंचायत सतपुरा के सेंगरवार गांव का है। जहाँ नगर परिषद् चाकघाट में प्रस्तावित सीएम राइज स्कूल को नगर परिषद् क्षेत्र से हटाकर ग्राम पंचायत क्षेत्र में लाने की योजना बनाई गई है। वो भी ऐसी शासकीय भूमि में जो मध्य प्रदेश भू अभिलेख में गौशाला और उनके चरागाह के लिए सालों पहले आरक्षित हुई थी। इतना ही नहीं उक्त जमीन में वर्ष 2019 से अतिक्रमण मुक्त करने के लिए क़ानूनी लड़ाई भी चल रही जो अनुविभागीय अधिकारी के पास लंबित है।
एक नज़र
मिली जानकारी के मुताबिक जनपद पंचायत त्यौंथर को तीन सीएम राइज स्कूल की सौगात मिली थी। जिसमें पहली नगर परिषद् त्यौंथर, दूसरी नगर परिषद् चाकघाट और तीसरी त्यौंथर के पूर्वांचल क्षेत्र रायपुर सोनौरी को लेकिन इनमें से नगर परिषद् चाकघाट के बालक हायर सेकेंडरी स्कूल में प्रस्तावित सीएम राइज स्कूल चाकघाट को यह कह कर कहीं और बनाने का जोर दिया गया कि वहां पर भूमि कम है। हालाँकि जब इस मामले में जाँच पड़ताल की गई तो स्कूल के चारों तरफ का क्षेत्र अतिक्रमण किया हुआ है। जिसको हटाने के बजाय चुपचाप इतनी बड़ी सौगात को ग्राम पंचायत क्षेत्र के गौशाला और चरागाह के लिए आरक्षित भूमि में प्रस्तावित कराने का प्रयास किया गया। इसकी जानकारी जब गौसेवकों को लगी तो तहसील से लेकर जिले तक तमाम आवेदन – निवेदन लेकर अधिकारीयों तक पहुंचे। साथ ही उनके द्वारा अक्टूबर 2019 से लेकर सम्बंधित भूमि खसरा क्रमांक 76, ग्राम पंचायत सतपुरा ग्राम सेंगरवार की वो मामले भी दिए गए जो तहसील त्यौंथर में लंबित हैं। सबसे बड़ी बात इसी खसरे में एक प्राथमिक पाठशाला, एक आंगनवाड़ी, एक गौशाला, पशुओं के लिए चरनोई और सैकड़ों लोगों द्वारा अवैध कब्ज़ा भी है। अवैध कब्जे को लेकर सालों से प्रकरण भी लंबित है। इसी खसरा क्षेत्र में सोहागी पहाड़ से जुड़ा एक नाला भी बहता है और तालाब भी मौजूद है। दी गई जानकारी के मुताबिक यह क्षेत्र डूब क्षेत्र है और मानसून के समय ज़्यदातर इलाका पानी से प्रभावित रहता है। मौके पर मिले कुछ ग्रामीणों ने बताया कि जब अधिक बारिश होती है तो नाला उफान पर रहता है और नाले का पानी उनके घर में घुस जाता है। चारों तरफ दलदल, गन्दगी से भरा यह क्षेत्र सीएम राइज स्कूल के लिए कितना सुरक्षित और सुव्यवस्थित होगा यह तो भविष्य के गर्त में है लेकिन कुछ ही दूर में बना टीडी कॉलेज हर वर्ष नाले के उफान का मार जरूर झेलता है।
ग्रामीणों ने इस सम्बन्ध में बताया कि गैशाला और चरनोई के लिए पहले से आरक्षित भूमि में इस तरह से किसी स्कूल या शासकीय निकाय का प्रस्ताव उचित नहीं है। एक तरफ मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री सभी गौ सेवा और उनके संरक्षण की योजनाओं को लेकर दम भरते हैं और दूसरी तरफ गौवंशो के लिए आरक्षित भूमि में अवैध अतिक्रम हटाने की जगह सीएम राइज स्कूल के लिए प्रस्ताव भेजते हैं। ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि शासन प्रशासन इस पर ध्यान दे, अगर जरुरत पड़ी तो गौवंशों के लिए हाईकोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे।
दलदल में सीएम राइज स्कूल चाकघाट का प्रस्ताव, भविष्य खतरे में देखने के लिए क्लिक करें