नई नहर टूटने से बाढ़ जैसे हालात, लोगो के घरों में घुसा पानी, अधिकारीयों ने किसानों पर मढ़ा आरोप

अनूप गोस्वामी,जवा। रीवा जिले में लगातार भ्रस्टाचार की पोल दिन प्रतिदिन किसी न किसी विभाग की खुलती जा रही है। इसके बाद भी शासन – प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है। जिसका ताजा मामला रीवा जिले के जवा तहसील मुख्यालय से सटे डगडैया गांव से सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार जैसे ही मिनी बाणसागर त्योंथर बहाव परियोजना द्वारा नहर में पानी छोड़ा गया नहर टूट गयी और गांव में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए और लोगो के घरों में पानी भर गया। गांव में मौजूद कच्चे मकान पानी घुसने से गिरने के कगार पर पहुँच गए हैं। यह घटना नहर निर्माण में लगी कंपनी द्वारा गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यो की पोल खोलकर रख दी है। पीड़ितों कि गुहार पर जावा थाने से पुलिस बल पहुंचा और पत्थरों आदि कि सहायता से जल भराव को रोकने का प्रयास किया।

मिनी बाणसागर त्योंथर बहाव परियोजना का निर्माण मेंटेना कंपनी को दिया गया है। सूत्रों के मुताबकि मेंटेना कंपनी द्वारा नहर निर्माण का कार्य पेटी कांट्रेक्टर को सौंप दिया गया है। ऐसे में आसपास के पेटी कांट्रेक्टर द्वारा जो कार्य किया जा रहा वो मानक विहीन नज़र आ रहा है।

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यह हादसा भी कहीं न कहीं नहर निर्माण में लापरवाही व मानक विहीन कार्य कि ओर इशारा कर रहा है। जल भराव से पीड़ित लोगों ने नहर निर्माण से जुड़े कर्मचारियों को भ्रष्ट बताया और यह भी बताया कि कैसे धांधली कि जा रही है। पहले भी कुछ ही महीनों में कंक्रीट नहर धरासायी हो गयी थी जिसकी शिकायत भी की गई और खबर का प्रकाशन भी हुआ लेकिन शासन – प्रशासन एवं संबंधित विभाग कि उदासीनता के वजह से कोई जांच नहीं हुई, न ही मेंटेना कंपनी पर न ही संबंधित अधिकारियों के ऊपर। नतीजतन डगडैया गांव में बाढ़ जैसे हालात देखने को मिल रहा है। कुछ गांव वालों ने जानकारी दी कि पूर्व में भी कई जगहों से नहर टूट चुकी थी जिसका तात्कालिक निर्माण कराया गया है लेकिन कोई ठोस निर्माण कार्य नहीं किया गया।

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इसी तरह मिनी बाणसागर अन्तर्गत त्योंथर बहाव परियोजना जो कि त्योंथर के राजापुर से पूर्वांचल सोहागी, बड़ागाँव, बुदामा आदि कि तरफ जाती है का निर्माण भी मेंटेना कंपनी द्वारा किया गया है। जिसमें कई माइनर ऐसे हैं जिनकी ढाल मुख्य नहर कि तरफ है जिससे कुछ दूर के बाद किसानों को पानी मिल नहीं पाता है। इस सम्बन्ध में त्योंथर एसडीओ और इंजीनियर से बात भी की गई जिनके द्वारा नहर निर्माण के समय लापरवाही बताया गया और फिर से मरम्मत व अन्य तरह से नहर व माइनर को सही करने का प्रस्ताव भेजने की बात कही गई।

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