सचिव की शिथिलता से अराजकता की भेंट चढ़ी मंडी समिति चाकघाट

रामलखन गुप्त, चाकघाट। मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित चाकघाट का कृषि उपज मंडी अधिकारियों के लापरवाही के चलते अराजकता और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। यहां पदस्थ मंडी सचिव सोमनाथ साकेत नियमित रूप से चाकघाट कार्यालय में उपस्थित न रहकर रीवा मुख्यालय से मंडी का संचालित कर रहे हैं, जिसके चलते यहां के मंडी कर्मचारीअपनी मनमानी पर उतारू हो गए हैं। जिससे जहां एक ओर किसानों का शोषण प्रारंभ हो गया है वहीं अवैध वसूली चरम सीमा पर पहुंच चुकी हैं। यहां के मंडी की अराजकता की गुप्त जांच कराई जा कर दोषी व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए। आरोप है कि जहां एक ओर मंडी सचिव की लापरवाही और कार्यों के प्रति और शिथिलता से मंडी कर्मचारियों के अराजकता संबंधी हौसले बुलंद हुए हैं और लगता है कि वे सचिव से भी ऊपर पावर रखते हैं और हर मामलों में दखलअंदाजी देकर मंडी को क्षति पहुंचा रहे हैं।

Also Read : दलालों का अड्डा बना यूनियन बैंक चाकघाट

चाकघाट मंडी का क्षेत्र इतना विस्तारित है कि इसमें 2 विधानसभाओं के किसानों का हित जुड़ा हुआ है। त्योंथर क्षेत्र के ककरहा से लेकर डभौरा तक आने वाले कई कस्बे एवं बाजारों का इस मंडी कार्यालय से नियंत्रण होता है। चाकघाट मंडी के अंतर्गत चंद्रपुर की उप मंडी भी बनी हुई है, जिसमें मध्यप्रदेश शासन मंडी विभाग के लाखों रुपए व्यय किए गए हैं। किंतु उसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। मंडी क्षेत्र के व्यापारियों से भी मंडी शुल्क के नाम पर अवैध वसूली मनमाने ढंग से की जा रही है। ग्रामीणों से अनाज खरीद कर छोटे वाहनों एवं ट्रैक्टरों से जो माल बाहर पहुंचाया जाता है। उस पर भी माहवारी वसूली जा रही है। मंडी के विकास कार्य के नाम पर जहां मनमाने ढंग से घटिया काम हो रहा है। वही मंडी कर्मचारियों की मनमौजी चल रही है। जब इच्छा होती है काम पर आते हैं, जब इच्छा नहीं होती काम पर नहीं आते। उसके बावजूद भी उन्हें पूरा वेतन मिलना ही चाहिए। ऐसा दबाव बनाया जाता है। चर्चा है कि मंडी में एक सहायक उपनिरीक्षक हैं। जो अपने को मंडी सचिव से भी ऊपर मानकर पूरा मलिकाना मंडी में दिखाते हैं और उनके भय और आतंक से अन्य मंडी कर्मचारी भयभीत रहते हैं। यहां के सचिव सोमनाथ साकेत जो कि मूलत: मंडी निरीक्षक हैं और वे यहां के प्रभारी बने हुए हैं। सचिव किसी तरह अपनी जिम्मेदारी से बचाने के चक्कर में आए दिन मंडी से नदारत रहता है। यहां उन्हें रहना न पड़े और मंडी का काम न करना पड़े। मंडी सचिव का नियंत्रण मंडी के प्रशासनिक सेवा से पूरी तरह टूट चुका है। जिसके चलते मंडी में अराजकता का माहौल बन गया है। इस अंचल की गरिमा एवं महत्वपूर्ण होने के नाते एवं व्यापारियों का हित जुड़ा हुआ है और यह मंडी अधिकारियों की लापरवाही से यह भ्रष्टाचार का केंद्र बनता जा रहा है जिस पर त्वरित कार्यवाही की जानी चाहिए।

Facebook
Twitter
WhatsApp
Telegram
Email

Leave a Comment

ट्रेंडिंग खबर

ट्रेंडिंग खबर

today rashifal

हमसे जुड़ने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है... पोर्टल पर आपके द्वारा डाली गयी खबर/वीडियो की सभी जानकारी घटनास्थल और घटना का समय सही और तथ्यपूर्ण है तथा घटना की खबर आपके क्षेत्र की है।अगर खबर में कोई जानकारी/बात झूठी या प्रोपेगेंडा के तहत पाई जाती है तो इसके लिए आप ही ज़िम्मेदार रहेंगे।